Wednesday, May 21, 2025
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108 एंबुलेंस की तर्ज पर अब पशुओं के इलाज के लिए दौड़ेगी वेटरनरी यूनिट, जिले को 8 मोबाइल वैन मिली

झुंझुनूं। अब पशु बीमार होने पर उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। फोन पर ही पशु चिकित्सक, कंपाउंडर एक वैन लेकर पहुंचेंगे और जांच करने के साथ तुरंत उपचार देंगे। मवेशी के गंभीर बीमार होने पर उसे जिला पशु चिकित्सालय या अन्य चिकित्सालयों में भेजा जाएगा। केंद्र सरकार की पहल- जनवरी माह से शुरू होगी योजना, एक फोन कॉल करते ही घर पहुंचकर बीमार पशु का करेंगे इलाज, गंभीर रूप से बीमार मवेशी को इलाज के लिए अस्पताल में रेफर किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से देश में मवेशियों की देखभाल के लिए मोबाइल चिकित्सा सुविधा शुरू की जानी है। इसके तहत प्रति एक लाख मवेशियों पर एक मोबाइल पशु चिकित्सा वैन उपलब्ध कराई जा रही है। झुंझुनूं को ऐसी 8 पशु चिकित्सा वैन मिली हैं। शुक्रवार को ये वैन झुंझुनूं पहुंची गईं। इनमें एक पशु चिकित्सक, एक कंपाउंडर व एक वैन चालक को नियुक्त करने के साथ सरकार की ओर से दी जाने वाली पशु चिकित्सा की सभी दवाइयां भी होंगी।

सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक चलेगी वैन
पशु चिकित्सा वैन को 24 घंटे सेवा के लिए शुरू नहीं किया गया है। इस वैन का संचालन फिलहाल सुबह 9 से शाम 6 बजे तक किया जाएगा। हर वैन अपने-अपने क्षेत्र में पशुपालक के द्वार तक जाकर मवेशियों की जांच व उपचार करेगी। ये वैन प्रदेश के हर जिले में आवंटित की गई हैं। पशुपालकों को घर बैठे ही सुविधा मिलेगी।

समय पर नहीं पहुंचने पर कई बार हो जाती है पशु की मौत
मवेशी के बीमार होने पर कई बार पशुपालक उसे लेकर समय पर चिकित्सालय नहीं पहुंच पाते हैं। गांव के लोगों को इसमें ज्यादा समस्या आती है। ऐसे में कई बार पशु की मौत तक हो जाती है। मोबाइल वैन से पशुपालकों को घर पर ही उपचार की सुविधा मिलने से फायदा होगा। झुंझुनूं जिले में अभी गाय, भैंस, भेड़-बकरी, ऊंट आदि सहित करीब 12 लाख मवेशी हैं।

इस संबंध में पशुपालन विभाग झुंझुनूं के संयुक्त निदेशक डॉ. रामेश्वर लाल डूडी ने बताया कि घर-घर उपचार करने के लिए झुंझुनूं को 8 वैन मिली हैं। संचालन को लेकर अभी गाइडलाइन नहीं आई है। अगले महीने से शुरू होने की उम्मीद है।

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