धमोरा के बेटे का अनूठा संकल्प-जब तक कालक बांध में पानी नहीं आएगा, तब तक नंगे पैर रहेंगे

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दीनदयाल जाखड़
नंगे पैर दीनदयाल जाखड़

झुंझुनूं। जिले के गुढ़ागौड़जी इलाके के धमोरा गांव के एक बेटे ने नदी से नदी जोड़ो अभियान के तहत जोबनेर के कालक बांध में पानी की आवक को लेकर अनूठा संकल्प लिया है। धमोरा के बेटे दीनदयाल जाखड़ का संकल्प है कि जब तक कालक बांध में पानी नहीं आ जाता, वे नंगे पैर रहेंगे। इसके लिए उन्हाेंने ग्रामीणों के साथ सितंबर माह में जमदाग्नी आश्रम धवली महार से कालक बांध तक पदयात्रा भी निकाली थी। उनका कहना है कि 40 साल पहले तक कालक बांध में पानी आता था, लेकिन जब से बाड़ी नदी से पानी की आवक कम हुई है, तब से बांध सूखा पड़ा है। इससे आसपास के किसानों व ग्रामीणों को पानी के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है।

नंगे पैर दीनदयाल जाखड़

धमोरा के लाडले दीनदयाल जाखड़ का कहना है कि इसके स्थाई समाधान के लिए केन्द्र सरकार की नदी से नदी जोड़ो योजना के तहत बाड़ी नदी को यमुना से जोड़ना होगा। यानी यमुना का पानी आने से ही क्षेत्र का जल संकट खत्म हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने 3 सितंबर को जमदाग्नी आश्रम धवली महार से पदयात्रा शुरू की थी। जो 10 सितंबर को कालक बांध पर समाप्त हुई थी। जहां जनसभा में जाखड़ ने कालक बांध में पानी नहीं आने तक नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था। तब से अब तक वो नंगे पैर ही रह रहे हैं। छोटी दीपावली पर सरकार को जगाने के लिए इन्होंने कालक बांध पर सवा लाख दीपक जलाएं थे। वो यहां अपनी ताई बिमला देवी का निधन होने पर उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए आये थे। वो टीम वन्दे मातरम् के संस्थापक एवं राष्ट्रीय संयोजक भी है। यह टीम पढ़ाई में होशियार परन्तु आथिर्क स्थिति से कमजोर बच्चों को जरुरत के हिसाब से सहायता करती है।

सितंबर में हुई सभा में लिया था संकल्प

जोबनेर में कालक बांध पर सभा को संबांधित करते दीनदयाल जाखड़।

झोटवाड़ा क्षेत्र में जीवन रेखा कहे जाने वाले कालख बांध में नदी से नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत बाड़ी नदी को यमुना नदी से जोड़कर कालख बांध में पानी लाने की मांग को लेकर 10 सितंबर को कालख बांध बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विशाल जनसभा में उन्होंने नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था। जनसभा का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार का कालख बांध की ओर ध्यान आकर्षित करने का था। क्षेत्र में भयंकर तरीके से पानी की किल्लत है। कालख बांध में पानी लाने के लिए मतभेद भूल सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग एक जाजम पर इकट्ठा हुए। सभी ने मिलकर एक स्वर में बात रखी है। टीम वंदे मातरम के संरक्षक दीनदयाल जाखड़ ने बड़ी घोषणा करते हुए मांग नहीं माने जाने तक नंगे पैर रहूंगा।

ठाकुर बेरीसालसिंह ने बांडी नदी पर बनवाया था बांध

कालख बांध का उद्धगम स्थल सामोद की पहाड़िया है। सामोद की पहाड़ियों का पानी बांडी नदी के माध्यम से जलोई बांध होता हुआ कालख बांध पहुंचता है। बांध का निर्माण कालख ठिकाने के ठाकुर बेरीसाल सिंह द्वारा सन् 1883 को बनास बेसिन की बांडी नदी पर करवाया था। बांध की भराव क्षमता 26 फीट और कैचमेंट एरिया 586.20 वर्ग किलोमीटर है। सन् 1981-82 मे बांध पूरा लबालब भर गया था और चादर चल गई थी। उसके बांध आज दिन तक नही भरा। बांध मे पानी नही होने के कारण आस-पास के क्षेत्रों का जल-स्तर 800-900 फीट से भी ज्यादा गहरा हो गया। ग्रामीण कालख बांध में पानी लाने की मांग काफी अरसे से कर रहे है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।

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