न्याय मित्र केके गुप्ता ने नगर पालिका मंडावा के अधिशासी अधिकारी को दिए निर्देश, 7 दिन में व्यवस्थाएं सुधार कर अपनी रिपोर्ट भेजें

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मंडावा कस्बे में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करते न्याय मित्र केके गुप्ता।

मंडावा। माननीय स्थायी एवं अनवरत लोक अदालत जिला झुंझुनूं द्वारा नगर पालिका मंडावा के लिए नियुक्त न्याय मित्र केके गुप्ता द्वारा पिछले दिनों मंडावा निकाय का दौरा किया गया। जहां पर भारी अनियमितताएं पाई गई। इसके साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी कार्य में लापरवाही बरतना सामने आया था। इसके पश्चात न्याय मित्र गुप्ता द्वारा शहरी क्षेत्र का सघन निरीक्षण करते हुए जिला कलेक्टर झुंझुनूं के साथ नगर पालिका मंडावा सहित नगर परिषद झुंझुनूं और नगर पालिका नवलगढ़ के सक्षम अधिकारियों की वीसी द्वारा बैठक को भी संबोधित किया गया था और उन्हें स्वच्छ भारत मिशन सहित नगर में स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, अतिक्रमण से मुक्ति, पर्यटन में बढ़ोतरी आदि बिंदुओं पर कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया था। इसी के क्रम में न्याय मित्र गुप्ता द्वारा नगर पालिका मंडावा के ईओ को पत्र लिखते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। पत्र में बताया कि निरीक्षण के दौरान स्वच्छ भारत मिशन के तहत किये जा रहे कार्यों के प्रति बरती जा रही लापरवाहियों में सुधार की आवश्यकता है। यह कार्य राष्ट्रीय मिशन है तथा इसकी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे है। आपको यह जानकारी में होना चाहिए कि दुनिया का विदेशी टूरिस्ट हब में मंडावा 20वें नंबर पर है तथा राजस्थान का नंबर एक पर हैं। जो विदेशी टूरिस्ट यहां आने के बाद पूरे राजस्थान की इमेज विदेशों में देता है। ऐसी स्थिति में आपकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है आपका कृत्य सरकार एवं न्यायालय के प्रति भी गंभीर नहीं है। पत्र में निर्देश दिए है कि उपरोक्त सभी बिंदुओं पर आगामी 7 दिवस में सुधार कर अपनी रिपोर्ट भेजें तथा जिम्मेवार अधिकारी होने के साथ वक्त निरीक्षण अपनी उपस्थिति देवें तथा स्वच्छता को जन क्रांति का रूप देकर विशेष परियोजन कर विदेशी टूरिस्टों को प्रभावित करने में अपनी भूमिका सकारात्मक निभाएं। पत्र मे जिला कलेक्टर झुंझुनूं को भी उचित दिशा निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है।

निरीक्षण में मिली इस तरह की खामियां

मौके पर निरीक्षण के दौरान आई खामियां देखी गई है। जगह-जगह गंदगी के ढेर पड़े हुए थे। वार्ड एवं कॉलोनियों में गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई हैं। जानवर मुख्य सड़कों पर गुम रहे थे। रोड लाइटें ज्यादातर बंद थीं। सार्वजनिक शौचालयों की खस्ता हालत है। लिगेसी वेस्ट (पुराना कचरा) का निस्तारण भी चालू नहीं किया गया। प्लास्टिक भारी मात्रा में फैला हुआ था। एमआरएफ मशीन दो साल से बंद कचरा यार्ड में पड़ी जंग खा रही थी। नालियां गंदगी से भरी हुई थी। हवेलियों के संरक्षण के लिए किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया जा रहा है। गढ़ के पास सुशील देवड़ा वाली गली, जिसमें टूरिस्ट आता जाता है। गंदगी का बुरा हाल था। जगह-जगह दुकानों के सामने पानी एकत्रित हो रहा था। सीवरेज लाइन का कार्य घाटियां होने से आमजन को भारी शिकायत हो रही है।

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