एक महीने में ही दो शतक और दो फिफ्टी मारी, लखनऊ ने आतिशी पारी के कारण 2.60 करोड़ में खरीदा
झुंझुनूं। जिले के गुढ़ागौड़जी (GudhGourji) इलाके के खेदड़ों की ढाणी तन गुढा बावनी निवासी मुकुल चौधरी (Mukul Choudhary) अब आईपीएल (IPL) के अगले सीजन में लखनऊ सुपर जायंट्स (Lucknow Super Giants) की टीम की ओर से खेलेगा। मंगलवार को हुए मिनी ऑक्शन में मुकुल चौधरी की बेस प्राइज 30 लाख रूपए थी। लेकिन लखनऊ (Lucknow) सुपर जायंट्स ने बोली लगाकर दो करोड़ 60 लाख रूपए में खरीदा। मुकुल चौधरी की इतनी बड़ी बोली और लखनऊ सुपर जायंट्स का इतना बड़ा विश्वास दरअसल इसी नवंबर—दिसंबर माह में घरेलु क्रिकेट में मुकुल चौधरी की चार आतिशी पारी महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है। मिडिल आर्डर बेट्समैन के साथ विकेटकीपर मुकुल चौधरी राजस्थान की टीम की ओर से खेलता है। नवंबर माह में अंडर 23 स्टेट ए ट्रॉफी के एलीट मैचों में लगातार दो मैचों में ना केवल मुकुल चौधरी ने राजस्थान की बिखरती टीम को संभाला। बल्कि ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए सामने वाली टीम के सामने पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। जिससे राजस्थान ने जीत दर्ज की। अहमदाबाद में हुए इसी शृंखला में दिल्ली के खिलाफ 50 ओवरों के मैच में जब राजस्थान की टीम 84 रन पर चार विकेट गंवा चुकी थी। तब मिडिल आर्डर बेट्स मैन के तौर पर मुकुल चौधरी क्रीज पर आए। उन्होंने दिल्ली (Delhi) को जमकर धोते हुए महज 79 बॉल्स पर चौकों और छक्कों की मदद से 121 रन जड़ दिए और नाबाद रहे। इस मैच में राजस्थान की टीम ने छह विकेट में 330 रन बनाए। दिल्ली की टीम 137 रनों से मैच हार गई। इसके तीन दिन बाद ही मुकुल चौधरी ने इसी ट्रॉफी में रेलवे के खिलाफ भी राजस्थान की टीम को उस वक्त संभाला। जब राजस्थान के चार खिलाड़ी 90 रन पर पैवेलियन लौट चुके थे। इस मैच में मुकुल चौधरी ने सात चौकों और 11 छक्कों की मदद से 86 बॉल्स पर ही 147 रन ठोके और नाबाद रहे। यह मैच भी राजस्थान की टीम ने जीता। लगातार तीन बेहतरीन पारियां और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने लखनऊ का ध्यान मुकुल चौधरी ओर खींचा है।
आखिरी ओवर में जड़े पांच छक्के, पलट दिया था मैच
इसी महीने की पांच दिसंबर को मुकुल चौधरी ने पूरा का पूरा ना केवल मैच पलट दिया था। बल्कि आखिरी ओवर में पांच छक्के जड़कर राजस्थान को हारा हुआ मैच जिताया था। मुश्ताक अली ट्रॉफी के टी—20 मैच में अहमदाबाद में खेलते हुए मुकुुल चौधरी ने 26 गेंदों पर ताबड़तोड़ 62 रन की नाबाद पारी खेली थी। यह मैच दिल्ली के खिलाफ था। आखिरी ओवर में राजस्थान को जीत के लिए एक ओवर में 25 रन चाहिए थे। स्ट्राइक पर मुकुल चौधरी थे। जिन्होंने दिल्ली के स्पिनर आयुष को धोया और आखिरी ओवर में छक्का मारकर राजस्थान की झोली में जीत डाली थी।
बोली शुरू होने से पहले भी जड़ा अर्धशतक
मुकुल चौधरी की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी मंगलवार को बोली लगने से दो घंटे पहले तक जारी रही।मुश्ताक अली ट्रॉफी के टी—20 मैच में मंगलवार को पुने में मुंबई के साथ मैच था। हालांकि राजस्थान यह मैच हार गई। लेकिन मुकुल ने अपनी परफोरमेंस बरकरार रखी। उन्होंने मंगलवार को भी 28 गेंदों पर 54 रन की नाबाद पारी खेली।
10 साल से प्रेक्टिस, सीखने के लिए मुंबई—चंडीगढ़ तक गए
मुकुल चौधरी के पिता दलीप खेदड़ बताते है कि मुकुल चौधरी पिछले 10 सालों से प्रेक्टिस कर रहे है। मुकुल की मेहनत ने मंगलवार को पहला मुकाम हासिल किया और आईपीएल (IPL) में मुकुल की एंट्री हो गई। पढाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखने वाले मुकुल चौधरी क्रिकेट का जुनून है। मुख्य रूप से सीकर और जयपुर की क्रिकेट एकेडमियों में मुकुल चौधरी ने विकेट किपिंग और बल्लेबाजी के गुर सीखे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज की चंडीगढ़ स्थित क्रिकेट एकेडमी, भारतीय टीम के बल्लेबाज रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड, गुड़गांव और दिल्ली की प्रसिद्ध एकेडमियों में भी जाकर उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां सीखी। मुकुल चौधरी 12वीं तक पढे है। मां सुनिता टीचर है। जबकि बहन तनुशिखा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। पिता दलीप खेदड़ बताते है कि कोच कमलेश रोहिला का मार्गदर्शन और उनकी मेहनत का बड़ा योगदान रहा है।
