डॉक्टरों ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढा के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा-डॉक्टरों के खिलाफ अमर्यादित भाषा बोलने पर हो कार्रवाई

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कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को ज्ञापन देते डॉक्टर्स।

झुंझुनूं। पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा द्वारा सरकारी चिकित्सकों के लिए अमर्यादित, अभद्र और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने पर मंगलवार को अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ जिला झुंझुनूं इकाई ने जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को सीएम के नाम ज्ञापन देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की। जिस पर जिला कलेक्टर ने ज्ञापन सीएम तक भेजकर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। ज्ञापन में बताया गया है कि पूर्व विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने 28 जून को बीडीके अस्पताल में धरना लगाकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तर के सबसे उच्च पद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं अन्य चिकित्सकों के लिए अमर्यादित, अशोभनीय और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए चिकित्सकों के आत्म सम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है। जिससे पूरा चिकित्सकीय समुदाय की भावनाएं आहत हुई है।

ज्ञापन में बताया गया है कि चिकित्सक निरंतर आमजन की सेवारत के लिए तत्पर रहते हैं। बीडीके अस्पताल की ओपीडी प्रतिदिन लगभग 3000 से ऊपर रहती है। बीडीके अस्पताल में प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन किए जाते हैं एवं 15 से 20  प्रतिदिन संस्थागत प्रसव कराएं जाते है। इसके अलावा जिलेभर में चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन हजारों मरीजों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती है। चिकित्सक दिन रात आमजन की सेवा में लगे हुए हैं। फिर भी चिकित्सकों के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग पूर्व विधायक द्वारा किया जाना चिकित्सकों के मनोबल को कमजोर करता है। जिससे न केवल जिले के बल्कि पूरे प्रदेशभर के चिकित्सकों एवं चिकित्सकीय सेवा से जुड़े लोगों के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। चिकित्सकों के लिए अभद्र शब्दावली काम में लेने वाले पूर्व विधायक राजेंद्र गुढा के खिलाफ शीघ्र ही कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। कानूनी कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में जिले और प्रदेश भर में चिकित्सकों का आंदोलन मुखर होता जाएगा। ज्ञापन में चिकित्सकों के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी और अस्पताल में धरना प्रदर्शन से अशांति फैलाने एवं मरीज के इलाज में व्यवधान करने पर विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

साथ ही मांग की गई है कि प्रशासन द्वारा अस्पताल में मरीजों की सेवा को मध्य नजर रखते हुए धरना प्रदर्शन नहीं होने दिया जाए। ताकि अस्पताल की सेवाएं निर्बाध रूप से मरीज को उपलब्ध कराई जा सके। राजकीय अस्पतालों में पोस्टमार्टम के लिए साथ आने वाले लोगों को भी धरना प्रदर्शन से रोका जाए। इससे मरीजों की सेवाएं बाधित होती है। ज्ञापन में बताया गया है कि पोलियो व आईडीसीएफ राष्ट्रीय कार्यक्रमों के चलते चिकित्सक अपना चिकित्सा धर्म निभाते हुए अभी तीन दिन काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे हैं। तीन दिन तक कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में चिकित्सकीय कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। ज्ञापन देने उपचार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कमलचंद सैनी, आईएमए अध्यक्ष डॉ. लालचंद ढाका, अरिशदा जिलाध्यक्ष डॉ. एस. जब्बार, महासचिव डॉ. राजेंद्र ढाका, सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर, आरसीएचओ डॉ. दयानंद सिंह, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. भंवरलाल सर्वा, डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ. अभिषेकसिंह, डीपीसी डॉ. जितेंद्र सिंह, पीएमओ डॉ. संदीप पचार, ब्लॉक प्रतिनिधि डॉ. रेखा, डॉ. राहुल सुमन, डॉ. तेजपाल कटेवा, डॉ. प्रहलाद, डॉ. शैलेश कुमार, प्रवक्ता डॉ. कैलाश राहड़ सहित जिलेभर से सरकारी सेवारत एवं निजी चिकित्स्क पहुंचे।

अब गुढ़ा ने डॉक्टर्स को जल्लाद बताया
इधर, चिकित्सकों के ज्ञापन के बाद जब राजेंद्र सिंह गुढ़ा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कुछ बिगाड़ना है तो मेरा बिगाड़ लेंगे। भैरूजी तेल के चूरमे को कुछ नहीं समझते। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स को अपना काम करना चाहिए। डॉक्टर्स को लोग भगवान समझते है। लेकिन डॉक्टर्स जल्लाद का काम करने लग गए। गुढा ने कहा कि आईसीयू में एक भी डॉक्टर का ना होना शाबासी बनती है क्या। एमरजेंसी में एक भी डॉक्टर का ना होना धन्यवाद बनता है क्या। बददुआ निकलेगी। और बददुआ निकलेगी तो गालियां भी निकलेगी।

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