इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने के खिलाफ एसएफआई का प्रदर्शन, शिक्षा मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

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महात्मा गांधी स्कूलों को बंद करने का विरोध करते हुए एसएफआई कार्यकर्ता

झुंझुनूं। सोमवार को छात्र संगठन एसएफआई ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के नाम ज्ञापन सौंपा। एसएफआई के जिलाध्यक्ष अनीश धायल ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, जिनमें गरीब तबके के विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उनको भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री ने काला फरमान जारी करते हुए राजस्थान में चल रहे 2000 से ज्यादा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को पुनः हिंदी मीडियम करने की कोशिश कर रहे हैं। जो राजस्थान का विद्यार्थी वर्ग कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। एसएफआई के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने कहा कि भाजपा सरकार स्कूलों के हालात, अध्यापकों की संख्या, विद्यार्थियों की संख्या का हवाला देते हुए अंग्रेजी माध्यम से हिंदी माध्यम में बदलने का काला फरमान जारी किया है। जो गरीब तबके के साथ सरासर अन्याय है।

एसएफआई के जिला उपाध्यक्ष साहिल कुरैशी ने कहा कि भाजपा सरकार ये काला फरमान जारी कर अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बंद करते हुए गरीब तबके के विद्यार्थी को अंग्रेजी शिक्षा से दूर करने का काम कर रही है। जिसे राजस्थान का विद्यार्थी वर्ग और छात्र संगठन एसएफआई कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। एसएफआई के सोशल मीडिया प्रभारी मोहित टंडन ने कहा कि इस ज्ञापन के माध्यम से छात्र संगठन एसएफआई यह मांग करता है कि इन विद्यालयों को सुचारू रूप से चालू रखा जाए तथा जो खामियां है। उन्हें सरकार दूर करने का काम करें। एसएफआई के कॉलेज कमेटी अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने कहा कि यदि जल्द से जल्द हमारी मांगे नहीं मानी गई तो छात्र संगठन एसएफआई विद्यार्थी वर्ग को लामबद्ध कर प्रदेश भर में उग्र आंदोलन की ओर अग्रसर होगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस दौरान नवनीत मीणा, आदिल भाटी, मोहम्मद आकिब, अंकित गर्वा, अमित शेखावत, आकाश धनकड़, विवेक बेनीवाल, हनीश पूनियां, अंकित झाझड़िया, पिंटू सैनी, पीयूष शर्मा, टीना, टुनटुन खत्री व अनेक महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

फीस बढ़ोतरी के विरोध में कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा

फीस बढ़ोतरी के विरोध में प्राचार्य को ज्ञापन देते हुए।

सोमवार को मोरारका महाविद्यालय झुंझुनूं में शेखावटी यूनिवर्सिटी के द्वारा प्रथम वर्ष की सैकंड सेमेस्टर के फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्र संगठन एसएफआई ने कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा नई शिक्षा प्रणाली के तहत सेमेस्टर प्रक्रिया लागू की गई है। पहले ईयरली परीक्षा होती थी। जिसकी फीस 1100 रुपए फीस और 290 रुपए एनरोलमेंट के होते थे। लेकिन अब सेमेस्टर प्रक्रिया में स्टूडेंट के पहले सेमेस्टर के लिए 1300 रुपए फीस और 300 रुपए एनरोलमेंट के कर दिए हैं। वही स्टूडेंट को साल में दूसरे सेमेस्टर के लिए नियमित विद्यार्थी को 1400 रुपए व प्राइवेट विद्यार्थी को 2200 रुपए फीस अलग से देनी होगी। जबकि प्रायोगिक परीक्षा शुल्क अलग से देना होगा। अमित शेखावत ने बताया कि नियमित विद्यार्थी का कुल फीस का आंकलन 5000 रुपए तथा प्राइवेट विद्यार्थी का कुल आकलन 10000 रूपए से अधिक है। जो कि निजी महाविद्यालय के समानान्तर है।

जिलाध्यक्ष अनीश धायल ने बताया कि महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी में फर्स्ट ईयर के रेगुलर स्टूडेंट की फीस 600 रुपए है। जबकि शेखावाटी यूनिवर्सिटी में रेगुलर स्टूडेंट की फीस 1900 रुपए, प्राइवेट स्टूडेंट की फीस गंगासिंह यूनिवर्सिटी में 900 रुपए है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी में 2700 रुपए। इस फीस बढ़ोतरी का छात्र संगठन एसएफआई विरोध करती है। छात्रसंघ महासचिव मोहम्मद साहिल कुरैशी ने बताया कि उपरोक्त मांगों को समय रहते पूर्ण किया जाए। अन्यथा छात्र संगठन एसएफआई विद्यार्थियों को लामबंद कर उग्र आंदोलन की रुप रेखा तैयार करेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। छात्र नेता नवनीत मीणा ने बताया कि छात्र संगठन एसएफआई ने प्रथम सेमेस्टर की फीस का पूर्व में ज्ञापन व प्रदर्शन के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया था। इस दोरान मोहित टंडन, आदिल भाटी, मोहम्मद आकिब, कॉलेज कमेटी अध्यक्ष उपेंद्रसिंह, अंकित गर्वा, आकाश धनकड़, विवेक बेनीवाल, हनीश पूनियां, अंकित झाझड़िया, पिंटू सैनी, पीयूष शर्मा, टीना, टुनटुन खत्री व अनेक महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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