ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट को लेकर महिलाओं ने खाली मटके लेकर किया प्रदर्शन  

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पेयजल संकट को लेकर प्रदर्शन करतीं महिलाएं।

नाटास। उदयपुरवाटी जल संघर्ष समिति के तत्वावधान में पेयजल समस्या ग्रसित किशोरपुरा-पौंख ढहर पुठाला श्यामाली के मध्य शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने को लेकर परेशान ग्रामवासियों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया। ग्रामवासियों ने बताया कि हमारे यहां उपलब्ध पानी बिल्कुल भी पीने योग्य नहीं है। शुद्ध पेयजल की भयंकर किल्लत है। जिससे सुबह से शाम तक हम महिलाएं का पूरा दिन पानी के लिए ही पूरा हो जाता है। इस धरने प्रदर्शन में शामिल शंकर कबाड़ी ने कहा कि शुद्ध पेयजल के अभाव में महिलाएं दिन भर परेशान रहती है। इसका एक मात्र समाधान-कुंभाराम लिफ्ट योजना जैसी खुबसूरत योजना ही हो सकती है। बिमला व पिंकी ने बताया कि कहा कि आस-पास कई ढाणियों के मध्य में पानी की टंकी बनी हुई है। लेकिन शुद्ध पेयजल नहीं होने से पानी की टंकियां खुद बीमारू बन गई है।

500-600 रूपए प्रति टैंकर खर्चा करने के बावजूद भी कई शुद्ध पीने योग्य पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। फ्लोराइड युक्त पानी से घर का हर व्यक्ति कोई न कोई बीमारी से ग्रसित हो गया है। संघर्ष समिति अध्यक्ष नत्थुराम ने बताया कि आस-पास की ढाणियों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं होने से लोगों में अत्यधिक रोष है। जलदाय विभाग के अधिकारी इस तरह की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। संघर्ष समिति संयोजक युवा नेता केके सैनी ने कहा कि संघर्ष समिति के तत्वावधान में गर्मी आने के 3 माह पूर्व से पीएचईडी विभाग को जगाने का काम किया गया। लेकिन आज तक भी विभाग कुंभकरण की नींद में सोया है। लोग किस कदर परेशान हैं। आज मझ गर्मी का माह, 6 मई हो गई है। फिर भी टैंकर सप्लाई की प्रक्रिया कंपलीट नहीं होने से, थोड़ी बहुत शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होती वो भी नहीं हो रही है।

पीएचईडी विभाग का मैन काम गर्मी में ही होता है। वो भी समय पर नहीं हो तो फिर इस विभाग का काम क्या है,ये यहां कि जनता जानना चाहती है। संयोजक केके सैनी ने आगे बताया कि हम लोगों ने गांववाईज ग्राम इकाई के रूप में जल संघर्ष समिति का गठन करना शुरू कर रहे हैं, सुरपुरा में गठन का काम भी पूरा हो गया है। अगर 2-3 दिन में पीएचईडी विभाग विधिवत रूप से टैंकर सप्लाई शुरू नहीं करता है। तो ग्राम ईकाई के माध्यम से इस आंदोलन को उग्र किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस दौरान सुमा देवी, विमला देवी, शारदा देवी, आंची देवी, कोयली देवी, राजबाला, श्योपाली, पिंकी, चावली, ग्यारसी देवी, मूली देवी, संजू देवी, मूली देवी, अनिता देवी, सुवा देवी, शंकर कबाड़ी, जितेन्द्र, भजना राम, मदनलाल, विजय, प्रियांशु, मानीराम, सुनिल आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

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