मंडावा में स्वच्छता के नाम पर महज दिखावा, हर जगह लगे हुए हैं गंदगी के ढ़ेर

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मंडावा में लगे हुए कचरे के ढेर

मंडावा। लोक अदालत झुंझुनूं द्वारा जिले के मंडावा नगरपालिका के लिए नियुक्त न्याय मित्र केके गुप्ता रविवार को मंडावा दौर पर रहे। न्याय मित्र के मंडावा दौरे पर महज खानापूर्ति और होटलों में बैठकर सभी प्रक्रिया और निरीक्षण के कार्यों को पूरा करने के अलावा कुछ नहीं किया। न्याय मित्र ने मंडावा में स्वच्छ भारत मिशन अभियान को लेकर फैली गंदगी, आवारा पशुओं, बिजली व्यवस्था, नालियों और साफ सफाई के कार्यों को लेकर सघन निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को कहा गया। लेकिन प्रधानमंत्री के इस मिशन का सपना मंडावा में कहीं पूरा नहीं होना एक बड़ी विडंबना है।

जगह जगह गंदगियों का ढेर, प्लास्टिक से भरी नालियां, आवारा पशुओं का दिनभर बाजार में उत्पात इसका एक उदाहरण कभी भी किसी समय पर देखा जा सकता है। न्याय मित्र केके गुप्ता मंडावा में करीब दो साल से दौरा कर रहे हैं। लेकिन बदलाव के नाम पर केवल खानापूर्ति के अलावा आज तक कुछ नहीं है। न्याय मित्र गुप्ता अपने दो चार अधिकृत लोगों को बुलाकर सारी जानकारी होटल में ही लेकर रवाना हो जाते है। ऐसा ही आज रविवार को मंडावा पहुंचने पर अपने विशेष लोगों से मिलकर स्वच्छता अभियान की जानकारी लेकर कार्यों का निरीक्षण कर लिया। भारत के मानचित्र पर पहचान रखने वाला हेरिटेज सुविधाओं और सौंदर्यकरण की कमी को पूरी करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन कागजों तक ही। मंडावा में साफ सफाई के नाम पर केवल लीपापोती ही हो रही है।

बिजली व्यवस्था की तो कोई बात करना भी सही नहीं है। जनचर्चा के अनुसार कस्बे के कुछ तथाकथित नेता या जनसेवक न्याय मित्र से नजदीकियां बनाकर कर्मचारियों पर अपना रौब झाड़ते है। धरातल पर कोई भी कार्य कस्बे में नहीं किया जा रहा है। न्यायपालिका ने एक बड़ी जिम्मेदारी देकर कुछ कार्य करवाने के लिए गुप्ता को नियुक्त किया। लेकिन शेखावाटी की हवाओं के इस झोखे में कहीं ना कहीं प्रभावित हो गए है। जिसका खमियाजा आमजन के लिए भारी पड़ रहा है और पड़ेगा भी।

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