झुंझुनूं के कुलवंत की फोर ट्रिक : लगातार चार गेंदों पर चार खिलाड़ियों को पैवेलियन भेजा, ऐसा करने वाले वे भारत के तीसरे गेंदबाज बने

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कुलवंत खेजरोलिया

झुंझुनूं। जिले के मुकुंदगढ़-मंडावा रोड पर स्थित चूड़ी अजीतगढ़ गांव के रहने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर कुलवंत खेजरोलिया ने क्रिकेट जगत में अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम किया है। कुलवंत ने रणजी ट्रॉफी के ग्रुप डी के मुकाबले में मध्यप्रदेश की ओर से खेलते हुए लगातार चार गेंदों पर चार खिलाड़ियों को पैवेलियन भेजकर फोर ट्रिक बनाई। यह करिश्मा कर वे भारत के तीसरे गेंदबाज बन गए हैं। उनकी घातक गेंदबाजी के आगे बड़ौदा की टीम को ढेर कर दिया। दरअसल सोमवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में खेले के मैच में कुलवंत ने लगातार चार गेंदों पर बड़ौदा के चार खिलाड़ियों को पैवेलियन भेजते हुए फोर ट्रिक बनाई है। 

कुलवंत यह करिश्मा करने वाले भारत के तीसरे गेंदबाज है। इससे पहले 1988 के रणजी मैचों में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए दिल्ली के शंकर सैनी ने तथा राजस्थान के खिलाफ खेलते हुए 2018 में जम्मू कश्मीर के गेंदबाज मोहम्मद मुदाशिर ने ये करिश्मा किया था। इस उपलब्धि की खुशी उसके परिवार और गांव में देखी जा रही है। कुलवंत के पिता शंकर सिंह तथा मां सरोज कंवर ने बताया क सोमवार को वे भी मैच देख रहे थे। जब कुलवंत ने मैच के 95वें तथा खुद के 11वें ओवर में दूसरी गेंद फेंकी और बड़ौदा के शतकवीर बल्लेबाज शाश्वत रावत को 105 के स्कोर पर क्लीन बोल्ड किया तो काफी खुशी हुई। लेकिन यह खुशी ओवर के तीसरी, चौथी और पांचवीं गेंद तक भी रूकी। क्योंकि तीसरी गेंद पर उसने महेश पिथिया को कैच आउट करवा दिया। इससे अगली चौथी गेंद पर भार्गव भट्ट को एलबीडब्लू तथा पांचवीं गेंद पर एएम सिंह को बोल्ड किया। इस प्रदर्शन के बाद से ही घर में खुशी का माहौल है। फोन पर रिश्तेदारों और जानकारों की बधाई मिल रही है। कुलवंत के भाई हेमंत खेजरोलिया तथा भाभी निकिता मुलकपुरिया खेजरोलिया ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद कुलवंत ने फोन पर अपनी उपलब्धि की जानकारी देते हुए खुशी जाहिर की। वहीं बीसीसीआई द्वारा मैन आॅफ द मैच के तहत दिए गए मैडल और बॉल की फोटो भी भेजी। ये ही दोनों फोटो कुलवंत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर कर रखी है।

इस बार आईपीएल में रहा अनसोल्ड, लेकिन अब सबको चौंका दिया

कुलवंत सिंह खेजरोलिया लगातार 2018 से आईपीएल की टीमों का भी हिस्सा लिया। उसने अपना डेब्यू 2018 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम में किया था। जिसकी कप्तानी विराट कोहली के पास थी। इसके अलावा कुलवंत सिंह दिल्ली कैपिटल, मुंबई इंडियन्स, कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए भी आईपीएल में खेल चुका है। हालांकि आईपीएल में कुलवंत सिंह का खास प्रदर्शन नहीं रहा। वैसे कुलवंत को खेलने का मौका भी ज्यादा नहीं मिला। कुलवंत के आईपीएल रिकॉर्ड को देखें तो उसने छह सालों में सात मैच ही खेले। इनमें पांच विकेट चटकाए। इस बार कुलवंत सिंह की बेस प्राइज 20 लाख रूपए थी। लेकिन वे अनसोल्ड रहे। अब कुलवंत सिंह के इस करिश्मे ने क्रिकेट की दुनिया के लोगों और इसका शौक रखने वालों, दोनों को चौंका दिया। कुलवंत सिंह ने अपना अंतिम आईपीएल मैच 2023 में केकेआर की तरफ से खेला था।

एक ही दिन में क्रिकेट की दुनिया में ट्रेंड पर आया कुलवंत

इसी गेंद से लिए थे लगातार चार विकेट।

कुलवंत सिंह द्वारा चार गेंदों पर चार विकेट लेने के बाद वह एक दिन ही में क्रिकेट की दुनिया का सबसे चर्चित चेहरा बन गया है। देश के हर मीडिया वेबसाइट, पेपर, चैनल के अलावा सोशल मीडिया पर कुलवंत के चर्चे हो रहे है। साथ ही कुलवंत के इतिहास और भविष्य को लेकर भी चर्चाएं हो रही है।

पहले दिल्ली से खेलता था, इस बार मध्यप्रदेश का हिस्सा बना

दरअसल कुलवंत सिंह को क्रिकेट का बचपन से शौक था। लेकिन परिवार की हालत सही नहीं होने के कारण उसने कुछ दिन सपनों को दबाया। बाद में अपने भाई के सहयोग से उसने दिल्ली में क्रिकेट कोचिंग ज्वाइन की। कुलवंत बाएं हाथ का तेज गेंदबाज है। जिसको पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट का ब्रेक रणजी ट्रॉफी से मिला। तब वह दिल्ली की टीम का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन बताया जाता है कि जब कुलवंत सिंह कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का हिस्सा था। उसी समय उसकी मुलाकात क्रिकेट कोच चंद्रकांत पंडित से हुई। जो ना केवल कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच है। बल्कि मध्यप्रदेश की टीम के भी कोच है। उनके कारण अब कुलवंत दिल्ली की बजाय मध्यप्रदेश टीम का हिस्सा है। कुलवंत सिंह प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 19 मैच खेल चुका है। जिसमें 47 विकेट ले चुका है।

मां बोली-मेरा बेटा इंडिया के लिए खेलें, यही सपना है

बेटे की उपलब्धि पर खुशी मनाते हुए माता-पिता।

इस मौके पर खुशी से लबरेज कुलवंत सिंह की मां सरोज कंवर ने इच्छा जाहिर की कि उसका बेटा इंडिया की टीम के लिए खेलें। उसका सपना यही है। उन्होंने बताया कि सोमवार को उन्होंने भी मैच देखा। यही नहीं कुलवंत का कोई भी मैच वे मिस नहीं करती। उनके बेटे की उपलब्धि पर खुशी है। लेकिन अभी लक्ष्य दूर है। उसे विश्वास है कि बेटा एक दिन लक्ष्य प्राप्त करते हुए भारतीय टीम का हिस्सा बनेगा। वहीं उसके पिता शंकर सिंह ने भी खुशी जाहिर की।

गांव आता रहता है कुलवंत सिंह

कुलवंत सिंह चाहे कहीं भी हो। लेकिन जब भी उसे मौका मिलता है। वह गांव आने से नहीं चूकता। रणजी ट्रॉफी शुरू होने से पहले भी वह गांव आकर गया था। वहीं अब फिर रणजी ट्रॉफी के मैच खत्म होने के बाद गांव आने की संभावना है। इसके अलावा भी समय-समय पर साल में चार-पांच बार कुलवंत सिंह गांव आकर अपना छुट्टी का समय माता-पिता के अलावा दोस्तों के साथ बिताता है। गांव में रहने के दरमियान कुलवंत सिंह गांव के बच्चों को क्रिकेट की बारीकियां सिखाता है।

 

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