Sunday, February 9, 2025
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9 साल पहले कनेक्शन हटाने की एप्लीकेशन देने के बावजूद 2021 में रीको ने थमाया 77 हजार रुपए का पानी का बिल

झुंझुनूं। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष एवं पीठासीन अधिकारी मनोज कुमार मील व सदस्या नीतू सैनी ने एक महत्वपूर्ण फैसले में रीको के प्रबंधन को निर्देशित किया है कि परिवादी को गलत रूप से जारी किए गए जल उपभोग विपत्र में अंकित राशि 77 हजार 337 रुपए का बिल निरस्त किया जाए और पीड़ित को मानसिक संताप व परिवाद व्यय पेटे 5500 रुपए का भुगतान भी रीको द्वारा किया जाए। यह राशि विभाग द्वारा उन दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों से आनुपातिक रूप से वसूल किया जाए। जो इस अक्षम्य व्यवहार और कार्य के लिए जिम्मेदार रहे हैं। क्योंकि राजकीय कार्यालय द्वारा यह नुकसान व क्षतिपूर्ति का भुगतान करदाताओं के धन से होकर अंततः आम नागरिक को भुगतना पड़ता है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष जून 2021 में परिवादी मदन सिंह गिल पुत्र स्वर्गीय शिवनाथ सिंह गिल ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था कि उनकी पुत्री मनीषा दूत (एनआरआई) ने रीको में प्लॉट एफ 144 खरीदा था। जिसकी पावर ऑफ अटॉर्नी परिवादी को दे रखी है। परिवादी ने 2011 में पानी कनेक्शन लेने के लिए रीको कार्यालय में सिक्योरिटी राशि और टेस्टेड मीटर जमा करवाते हुए आवेदन किया था। रीको कर्मचारियों ने पानी की लाइन डालने का विश्वास दिया, लेकिन 2012 तक भी पानी नहीं आने पर परिवादी ने रीको कार्यालय में निवेदन किया कि प्रार्थी का कनेक्शन अस्थाई तौर पर विच्छेद करवा दिया जाए। परिवादी ने रीको से लिखित रूप से आग्रह किया कि अक्टूबर 2012 तक का यदि कोई बिल अथवा कोई राशि बकाया है तो वह जमा करवाकर उसका कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाए। लेकिन रीको ने इस संबंध में केवल पत्रावली ही चलाई। अन्य कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि हस्तलिखित बिल बना कर उस पर प्राधिकारी के हस्ताक्षर अथवा तिथि भी अंकित नहीं की और परिवादी को कोई बिल भी नहीं भेजा और यह मामला फाइलों में दबा दिया गया। जनवरी 2021 में अचानक से रीको ने 77 हजार 337 रुपए का जल उपभोग विपत्र यानी बिल जारी कर भुगतान के आदेश दिए और आदेशित किया कि बिल जमा नहीं करवाने की स्थिति में कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाएगा। इसके बाद परिवादी रीको के अधिकारियों से मिला और वर्ष 2012 में जल कनेक्शन विच्छेद करवाने के लिए दिए गये  प्रार्थना पत्र एवं परिवादी के प्रार्थना पत्र पर रीको द्वारा की गई कार्यवाही की नोटशीट की प्रमाणित प्रतियां सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्राप्त करके जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दर्ज करवाया। जहां परिवादी और रीको का पक्ष सुना गया। सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार मील और सदस्या नीतू सैनी ने रीको द्वारा परिवादी को जारी किया गया जल उपभोग विपत्र निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही परिवादी को मानसिक संताप व परिवाद व्यय का भुगतान भी करने का आदेश दिया गया है।