झुंझुनूं। वरिष्ठ आरएएस अधिकारी चंदन दुबे का महज 18 दिन बाद ही झुंझुनूं से तबादला कर दिया गया है। अब उन्हें कार्मिक विभाग ने पशुपालन, डेयरी, गोपालन एवं देवस्थान विभाग के मंत्री जोराराम कुमावत का विशिष्ट सहायक लगाया गया है। चंदन दुबे ने 23 जनवरी को ही झुंझुनूं एडीएम पद पर ज्वाइन किया था। इस दौरान वे झुंझुनूं जिले के दौरे कर यहां की आबो हवा को समझने की कोशिश ही कर रहे थे कि कार्मिक विभाग ने अब उन्हें नई जिम्मेदारी दे दी है।
इधर, झुंझुनूं के दो पूर्व एडीएम मुरारीलाल शर्मा और राजेंद्रप्रसाद अग्रवाल को भी मंत्रियों के पास लगाया गया है। इनमें मुरारीलाल शर्मा अब एडीएम अलवर की जगह नगरीय विकास विभाग एवं स्वायत शासन विभाग मंत्री झाबरसिंह खर्रा के विशिष्ट सहायक होंगे। तो वहीं पूर्व एडीएम रहे राजेंद्रप्रसाद अग्रवाल को गोविंद गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा के रजिस्ट्रार से जल संसाधन विभाग एवं जल संसाधन आयोजना विभाग के मंत्री सुरेश सिंह रावत के विशिष्ठ सहायक के पद पर लगाया गया है। झुंझुनूं में जिला परिषद के सीईओ रहे राजपाल सिंह को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, युवा मामले एवं खेल विभाग, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग, नीति निर्धारण विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार केके विश्नोई का विशिष्ठ सहायक लगाया गया है।
जनसुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर पीडब्ल्यूडी एईएन को नोटिस
चिड़ावा के सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता (एईएन) आशीष लाखलाण को जनसुनवाई में अनुपस्थित रहने पर एडीएम चंदन दुबे द्वारा विभागीय कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया। गौरतलब है कि लाखलाण के पास मंडावा का अतिरिक्त प्रभार भी है। गुरुवार को एडीएम दुबे ने मंडावा में आयोजित ब्लॉक स्तरीय जनसुनवाई में अनुपस्थित पाए जाने पर एईएन लाखलाण से दूरभाष पर बातचीत की तो उन्होंने खुद को चिड़ावा में आयोजित जनसुनवाई में उपस्थित होना बताया।
जिस पर एडीएम चंदन दुबे ने चिड़ावा एसडीएम कार्यालय से रिपोर्ट मांगी। वहां के उपस्थिति रजिस्टर में एईएन आशीष लाखलाण के हस्ताक्षर नहीं पाए गए। इस पर उन्हें एडीएम कार्यालय में तलब किया गया और उपस्थिति का अवलोकन करने को कहा गया, जिस पर उन्होंने दोनों ब्लॉक की जनसुनवाई में अनुपस्थित होना स्वीकार किया। एईएन को अब 15 फरवरी तक स्पष्टीकरण देना होगा, अन्यथा विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।