Wednesday, May 21, 2025
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13वें दिन कबाड़ी के पास मिली चोरी की गई पिकअप पिकअप, मालिक ने ही खंगाले एक दर्जन गांवों के कैमरे

झुंझुनूं। जिले के गुढ़ागौड़जी के टोडी से 24 दिसंबर की रात को करीब तीन बजे चोरी हुई पिकअप आखिरकार 13वें दिन शुक्रवार को झुंझुनूं के कबाड़ी मार्केट में मिल गई है। जिसके बाद पूरे कबाड़ी मार्केट में हड़कंप मच गया। वहीं जिस कबाड़ी के पास पिकअप मिली है। वो मौके पर नहीं मिलार। लेकिन वह पुलिस को फोन पर बता रहा है कि उसने तारानगर के किसी व्यक्ति से पिकअप कबाड़ में खरीदी थी। जिसे लेकर वह पेश होगा। पुलिस कबाड़ी के आने का इंतजार कर रही है। वहीं कबाड़ी मार्केट में एक दिन से कम समय में पूरी पिकअप को बिखेर दिया गया है। जिस पर वापिस सभी पार्टस लगाए जाने का काम घंटों से चला। जानकारी के मुताबिक गुलशन गिल की पिकअप गाड़ी उसके घर के बाहर से गुढ़ागौड़जी से 24 दिसंबर को रात करीब तीन बजे चोरी हो गई। सुबह जब गुलशन ने देखा तो उसे पिकअप नहीं मिली। गुलशन ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के अलावा अपने भाई सचिन और कुछ दोस्तों के साथ पिकअप की तलाश शुरू की। गुलशन, उसके भाई और दोस्तों ने करीब एक दर्जन गांवों के रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को चैक किया तो उन्हें सूचना हाथ लगी कि पिकअप बारवा, परसरामपुरा इस क्षेत्र में है। इसी दौरान उन्हें सूचना लगी कि गुरूवार दोपहर को उनकी पिकअप कबाड़ी मार्केट में बिक गई है। तब गुलशन गिल झुंझुनूं पहुंचा और अपनी पिकअप को कबाड़ी मार्केट में खड़ा पाकर वापिस चला गया। शुक्रवार सुबह जब वह वापिस आया और अपनी पिकअप की फोटो लेने लगा तो कबाड़ी उसके गले पड़ गए। लेकिन बाद में पुलिस आने के बाद मामला शांत हुआ और पुलिस ने पिकअप को बरामद किया। पिकअप को बरामद किया। उस वक्त पिकअप के सारे पार्टस निकाल लिए गए थे। लेकिन अब सभी पार्टस फिर से लगाए जा रहे है। वहीं पुलिस ने कबाड़ी इमरान और हारून से फोन पर संपर्क किया है। इमरान ने पुलिस को बताया कि वह तारानगर आया हुआ है। जिस व्यक्ति ने उसे पिकअप बेची थी। उसे साथ लेकर आ रहा था। पुलिस कबाड़ी इमरान के इंतजार में है। इधर, गुलशन गिल ने शक जताया है कि यहां पर और भी कई गाड़ियां चोरी की हो सकती है। पुलिस को जांच करनी चाहिए।

भाइयों ने दोस्तों के साथ गुजारी जोहड़ों में रात
अपनी पिकअप चोरी होने के बाद से गुलशन और सचिन ने अपने दोस्तों नरेंद्र खरबास, प्रवीण, नीतू जाखड़ व सुनिल बांगड़वा के अलावा अन्य के साथ एक रात भी चैन की नींद नहीं सोए। गुलशन ने बताया कि चार दिन तो वे घर में नहीं घुसे। जोहड़ों में लकड़ियां जलाकर रात गुजारी। दो—तीन रात तो इलाके में ही एक बुजूर्ग के यहां पर गुजारी। वहीं पर खाना खाते। लेकिन उन्होंने तय कर लिया था कि हर हाल में पिकअप को ढूंढकर रहेंगे।

डीपी मिली चोरी की, पिकअप ढूंढते ढूंढते
गुलशन गिल ने बताया कि वे जब अपनी पिकअप ढूंढ रहे थे। तो काफी सारे रास्ते, खेतों में लोगों से बात की। उसी समय बारवा, परसरामपुरा आदि इलाकों में डीपी चोरी हो रही थी। उन्हें चुराई गई डीपी के खाली बॉक्स जरूर मिल गए। लेकिन पिकअप गाड़ी नहीं मिली। गुलशन ने बताया कि उन्हें शक है कि डीपी चुराने वाले ही डीपी चोर हो। जिन्होंने उनकी गाड़ी को डीपी चुराने के भी काम लिया हो सकता है।

सैंकड़ों कैमरे खंगाले, किसी ने दिखाए, कईयों ने टरकाया भी
गुलशन गिल ने बताया कि उन्होंने अपनी पिकअप ढूंढने के लिए करीब एक दर्जन गांवों के सैंकड़ों कैमरे खंगाले। इनमें कइयों ने उन्हें खूब सहयोग दिया। लेकिन कई ऐसे लोग भी थे। जिन्होंने उन्हें टरका दिया। किसी ने कैमरे खराब है। किसी ने कहा रिकॉर्डिंग नहीं होती। ऐसे बहाने भी बनाएं। लेकिन उन्होंने अपनी खोजबीन जारी रखी।

नहीं पहुंचा कबाड़ी, बोला सुबह आउंगा
इधर, एएसआई महावीरप्रसाद ने बताया कि पूरा दिन लगकर गुलशन की पिकअप के सारे पार्टस लगाकर एक बार झुंझुनूं से गुढ़ा पिकअप गाड़ी ले आए है। कबाड़ी इमरान तारानगर के जिस व्यक्ति से पिकअप खरीदना बता रहा है। वह फोन पर उसका इंतजार तारानगर कर रहा है। उसने फोन पर बताया है कि वह शनिवार सुबह आकर तारानगर वाले आदमी को पेश कर देगा।

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