Tuesday, March 11, 2025
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सीमेंट कंपनी के लिए रेलवे लाइन का सर्वे करने पहुंचे अधिकारियों व पटवारी को करना पड़ा ग्रामीणों के विरोध का सामना, बिना सर्वे किए ही लौटे

खिरोड़। श्री सीमेंट कंपनी गोठड़ा एवं अन्य सीमेंट कंपनियों के लिए प्रस्तावित रेलवे लाइन का सर्वे करने के लिए धर्मशाला ग्राम पंचायत के भजनगढ़ गांव में किसानों के खेतों में रेलवे विभाग के कर्मचारी एवं संबंधित क्षेत्र के पटवारी किसानों के खेतों में पहुंचे। जिन्हें किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा और बिना सर्वे किए ही वापिस लौटना पड़ा। क्षेत्र के भजनगढ़ गांव के किसानों के खेतों में मंगलवार को एक बार फिर रेलवे विभाग के कर्मचारी एवं पटवारी सीमेंट कंपनियों के लिए प्रस्तावित रेलवे लाइन का सर्वे करने के लिए पहुंचे। मगर किसानों को पता चलते ही किसान तुरंत खेतों में पहुंच गए और कर्मचारियों का जमकर विरोध करने के बाद कर्मचारियों को किसानों ने खेतों से बाहर निकाल दिया।

किसानों के खेतों में रेलवे विभाग के कर्मचारी एवं पटवारी को किसानों के बिना अनुमति खेतों में घुसने पर किसानों ने कर्मचारियों को खरी खोटी सुनाई और किसानों ने सजगता दिखाते हुए कर्मचारियों को तुरंत खेतों से बाहर निकाल दिया। रेलवे विभाग के कर्मचारी एवं पटवारी ने किसानों को समझाइश करते हुए बताया कि रेलवे लाइन में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण होगी। उन किसानों को अच्छा मुआवजा दिलवाया जाएगा एवं उस परिवार के सदस्यों को कंपनी में नौकरी भी दिलवाई जाएगी। मगर किसानों ने इस बात को नकारते हुए कहा कि हमें नौकरी भी नहीं चाहिए और अच्छा मुआवजा भी नहीं चाहिए। किसानों ने कहा कि हम हमारे खेतों में से रेलवे लाइन को जबरदस्ती नहीं जाने देंगे। किसानों ने एक साथ मिलकर कर्मचारियों का विरोध जताया और एक स्वर में कहा कि हम हमारे खेतों में से रेलवे लाइन को नहीं गुजरते देंगे। इस दौरान क्षेत्र के किसानों ने संबंधित पटवारी को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि आपने हमारी सिंचित जमीन को बारानी दिखा दिया। जो सरासर गलत है।

इस पर संबंधित पटवारी ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि इसको बारानी से बदलकर सिंचित दिखा दिया जाएगा। क्षेत्र के किसानों ने उन कर्मचारियों को बताया कि हाल ही में किसानों द्वारा सीकर उपखंड अधिकारी एवं नवलगढ़ उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर इस रेल लाइन के निरस्तीकरण की भी मांग की जा चुकी है एवं साथ ही किसानों के खेतों में रेलवे लाइन डाली जाने के लिए आपत्ति भी जताई जा चुकी है। उसके बावजूद आप लोग हमारे खेतों में क्यों घुसे चले आ रहे हो। इस पर रेलवे विभाग के कर्मचारी एवं संबंधित पटवारी को किसानों से पीछा छुड़ाकर बिना सर्वे किया ही वापिस लौटना पड़ा। इससे पूर्व रेलवे विभाग के कर्मचारियों ने कुछ दिनों पूर्व नागौर क्षेत्र में भी किसानों को खेतों में रेलवे लाइन डाली जाने पर अच्छा मुआवजा दिलवाए जाने के लिए किसानों की किसी अन्य कर्मचारी से बात कार्रवाई मगर सभी किसानों ने इस बात को अस्वीकार कर दिया और किसानों ने अपने खेतों में सर्वे नहीं करने देने की बात कही। इस पर रेलवे विभाग की कर्मचारी एवं संबंधित पटवारी वापिस चले गए। रेलवे लाइन का विरोध जताने वालों में बिजेंद्र सिंह काजला, मामराज मूंड, नरेंद्र कड़वा, अनिल मातवा, बिलाल लंगा, मनोज कुमार सैनी, सुरेश सिंह, शिवपाल, रोहिताश, नाथी देवी, अनूप, सुमित्रा देवी, सावित्री देवी, संतोष देवी, दिनेश कुमार, सत्यप्रकाश जोशी, संत कुमार, राधेश्याम, रामावतार, पाबूदान सिंह सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।

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