विजिटर रजिस्टर में सही नहीं मिली टिप्पणी, जांच में स्कूल शिक्षा परिषद की उप निदेशक व डाइट व्याख्याता दोषी

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परमेंद्र कुल्हार, व्याख्याता डाइट

मुकुंदगढ़। कस्बे के बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य से दुर्व्यवहार के मामले में कलेक्टर के निर्देश पर गठित की गई जांच टीम ने स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर की उप निदेशक उर्मिला चौधरी व झुंझुनूं डाइट के व्याख्याता परमेंद्र कुल्हार को दोषी माना है। टीम ने विजिटर रजिस्टर में की गई उस टिप्पणी को भी गलत माना है, जिसमें लिखा था कि स्टाफ व प्रधानाचार्य समय पर स्कूल नहीं आते हैं। साथ ही यह भी माना कि दोनों निरीक्षणकर्ताओं ने स्टूडेंट्स के सामने दुर्भावनावश पर स्टाफ सदस्यों व प्रधानाचार्या से अशोभनीय व्यवहार किया है। इसके आधार पर एडीएम ने दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जांच रिपोर्ट भेज दी है।
जानकारी के अनुसार छह फरवरी को स्कूल में निरीक्षण करने आई राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर की उप निदेशक उर्मिला चौधरी व झुंझुनूं डाइट के व्याख्याता परमेंद्र कुल्हार ने प्रधानाचार्या व अन्य शिक्षकों को तीन घंटे तक विद्यार्थियों के सामने डांट फटकार लगाई, अपमानित किया और एपीओ व निलंबित कराने की धमकी दी थी। दोनों ने दुर्भावनावश विजिटर रजिस्टर में लिखा कि स्टाफ व प्रधानाचार्या लेट आते हैं। इसके बाद महिला प्रधानाचार्या ने मामले की जांच करने के लिए शिक्षा मंत्री, कलेक्टर व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिकायत की थी।

कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने गठित की थी जांच कमेटी
महिला प्रधानाचार्या द्वारा शिकायत करने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच करने के लिए नवलगढ़ एसडीएम हवाई सिंह यादव ने तहसीलदार व अति मुख्य ब्लॉक शिखा अधिकारी की संयुक्त जांच कमेटी का गठन किया था। दोनों अधिकारियों ने 21 फरवरी को प्रकरण की जांच की। स्कूल में विद्यालय स्टाफ सदस्यों, एसडीएमसी सदस्यों व जनप्रतिनिधियों से प्रधानाचार्य व स्कूल स्टाफ सदस्यों के व्यवहार व अनुशासन के बारे में पूछताछ की। साथ ही घटना के दिन मौजूद बेसवाल राउमा अंग्रेजी माध्यम स्कूल मुकुंदगढ़ के अध्यापक अनिलकुमार व लेवल प्रथम के अध्यापक महेंद्रसिंह मील से हकीकत जानी। साथ ही उस दिन घटना स्थल पर मौजूद 9वीं व 11वीं की छात्राओं व प्रधानाचार्य के लिखित में बयान लिए।

टीम ने स्टाफ व प्रधानाचार्य के लेट आने को गलत माना
जांच टीम ने सभी पक्षों के बयान आदि लेने के बाद अपनी रिपोर्ट एसडीएम हवाईसिंह यादव को सौंपी। इसमें जांच टीम ने निरीक्षण करने गए अधिकारियों की और से विजिटर रजिस्टर में की गई टिप्पणी को गलत माना। टिप्पणी थी कि स्टाफ व प्रधानाचार्य देरी से आते हैं। साथ ही यह भी माना कि दोनों ने स्टाफ व प्रधानाचार्य के साथ विद्यार्थियों की मौजूदगी में अभद्र व्यवहार किया। नवलगढ़ एसडीएम हवाई सिंह यादव की ओर से दी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. नरेंद्र कुमार थोरी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीकानेर को दोनों को दोषी मानते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का पत्र लिखा है।

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