यमुना नहर को लेकर किसानों का आंदोलन हुआ तेज, पांच फरवरी को गांव-गांव में करेंगे प्रदर्शन

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सुलताना में धरने पर बैठे ग्रामीण।

झुंझुनूं । यमुना नहर की मांग को लेकर जिले में किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। विभिन्न किसान संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति ने एलान किया है कि इस मांग को लेकर पांच फरवरी को गांव-गांव में धरने दिए जाएंगे और प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके माध्यम से राज्य सरकार तक आवाजा पहुंचाई जाएगी। इसके बाद 12 फरवरी को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।

सूरजगढ़ के किढ़वाना गांव में धरने पर बैठे किसान।

उधर, सूरजगढ़ इलाके के किढ़वाना गांव में यमुना नदी के पानी की मांग को लेकर 22वें दिन भी ग्रामीणों का धरना जारी रहा। धरने की अध्यक्षता कर रहे कुरड़ाराम बसेरा सहित कामरेड प्रेम सिंह नेहरा, हनुमान सिंह अहलावत, सुभाष कटेवा, इकबाल खान, रामनिवास बसेरा, अमरसिंह मीणा, महेंद्र सिंह, सुरताराम, मुराद अली, मुकेश स्वामी, राकेश बसेरा आदि ने धरना स्थल पर प्रदर्शन कर उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक क्षेत्र में नहर नहीं आएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

सुलताना में यमुना के पानी की मांग को लेकर 15वें दिन भी धरना जारी
यमुना जल समझौते के तहत झुंझुनूं को उसके हक का पानी दिलवाने की मांग को लेकर सुलताना कस्बे में बाइपास सड़क पर धरना 15वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता रामनिवास शर्मा ने की। वक्ताओं कहा कि आठ ब्लॉक डार्क जोन में जा चुके हैं जिसके कारण पानी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में सरकारों को जल्द यमुना का पानी झुंझुनूं को दिलवाना चाहिए ताकि किसानों का पलायन रुक सके।

चिड़ावा के लाल चौक में 39वें दिन भी धरना दिया
जिले को यमुना नहर का पानी दिलवाने की मांग को लेकर चिड़ावा के लाल चौक स्टैंड पर किसानों ने 39वें दिन भी धरना दिया। धरने की अध्यक्षता कृषक सतपाल चौधरी ने की। वक्ताओं ने 1994 के जल समझौते के मुताबिक ताजेवाला हैड से शेखावाटी भूभाग, झुंझुनूं जिले को उसके हक का पानी जल्द नही मिलने आंदोलन को संघर्ष में बदलने की बात कही। उन्होंने केंद्र एवं राजस्थान-हरियाणा में भाजपा की सरकार होने के बाद भी समझौता लागू होने में देरी को गांव, गरीब और किसान विरोधी रवैया बताया।

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