कैफे में आग लगी या लगाई, क्योंकि कैफे संचालक व वहां काम करने वाले मजदूरों में चल रहा विवाद, दोनों पक्ष लगा चुके ताला

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झुंझुनूं। झुंझुनूं शहर के सबसे व्यस्तम इलाकों में से एक मंडावा मोड़ पर स्थित मान सिटी सेंटर की दूसरी मंजिल पर बने कैफे में सोमवार को भीषण आग लग गई। इससे ना केवल इस बिल्डिंग के दो फ्लोर चपेट में आ गए। बल्कि पास पड़ौस की दुकानों में भी हड़कंप मच गया। सुबह करीब 11 बजे धधकी आग एकाएक ही बेकाबू हो गई, लेकिन समय रहते उस पर काबू पा लिया गया, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन इस आगजनी को लेकर आसपास के लोगों में एक सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल है कि-आग लगी या लगाई गई? क्योंकि जिस कैफे में आग लगी वह तीन माह से बंद पड़ा था। उसमें बिजली कनेक्शन भी नहीं था और न ही अंदर गैस के सिलेंडर थे। ऐसे में आग कैसे लगी? इस सवाल का जवाब जानने के लिए पड़ताल की तो सामने आया कि कैफै संचालक और उसमें काम कर चुके कुक व मैनेजर में बकाया वेतन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसे लेकर कुक व मैनेजर ने कैफे पर अपना ताला भी लगा दिया था, जिसे कैफै मालिक ने तोड़कर अपना ताला लगा दिया था। यह मामला कोतवाली में भी पहुंचा था, लेकिन समाधान नहीं हो पाया। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि कैफै में आग हादसा मानव जनित हो सकता है।

पांच दमकलों ने करीब सवा घंटे में बुझाई आग

मंडावा मोड़ स्थित बहुमंजिला इमारत में लगी आग।

बिल्डिंग से आग उठती देखकर इस बिल्डिंग में संचालित एक दर्जन से करीब दुकानें बंद कर दी गई। आसपड़ौस की दुकानें भी बंद हो गई। दुकानदार जिस स्थिति में दुकान में बैठे थे। वैसे ही उठे और दुकान बंद की और बिल्डिंग से दूर चले गए। सूचना पर नगर परिषद की फायर ब्रिगेड पहुंची। बार—बार राउंड कर पांच दमकल गाड़ियों में लाए गए पानी से करीब सवा घंटे में आग बुझाई गई। मंडावा मोड़, शहर का व्यवस्तम क्षेत्र है। इसलिए आग की लपटें देखने मौके पर भारी संख्या में भीड़ भी इकट्ठा हो गई और जाम जैसी स्थिति बन गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कानून व्यवस्था संभाली और ना केवल लोगों को आग से दूर किया। बल्कि यातायात भी सुचारू करवाया। बताया जा रहा है कि इस बिल्डिंग में दो महीने तक एक कैफे चलता था। जिसमें शॉर्ट सर्किट से आग लगी। इसके बाद आग ने पूरे कैफे को राख में तब्दील कर दिया। इसके अलावा कैफे के उपर के फ्लोर खाली थे। ऐसे में कोई नुकसान नहीं हुआ। बिल्डिंग के बाहर लगे शीशे जरूर धड़ाधड़ टूटकर जमीन पर आ गिरे।

फायर सेफ्टी को लेकर नहीं किए कोई प्रबंध
इधर, जानकारी के मुताबिक काफी दिन पहले नगर परिषद ने इस बिल्डिंग की फायर सेफ्टी एनओसी ना लेने पर बिल्डिंग मालिक को नोटिस दिया था। लेकिन बिल्डिंग मालिक ने ना तो नोटिस का जवाब दिया और ना ही फायर सेफ्टी के इंतजाम करके एनओसी के लिए एप्लाई किया। वहीं इस पूरी बिल्डिंग में कहीं पर भी आपातकालीन निकासी भी नहीं छोड़ी गई है। बताया जा रहा है कि हाल ही में नगर परिषद ने एक बार फिर शहर की बिल्डिंगों के फायर सेफ्टी इंतजामात का सर्वे करवाया था। उसमें भी इस बिल्डिंग का नाम है। अब देखने वाली बात यह होगी कि नगर परिषद ऐसी बिल्डिंगों पर कार्रवाई करती है या फिर नहीं।

पगार नहीं मिलने पर मैनेजर व कुक ने लगा दिए थे ताले
इस कैफे में काम करने वाले मैनेजर व कुक की सात महीने की तनख्वाह बाकी है। यह कैफे अप्रैल 2023 में खुला था। नयासर निवासी अर्जुन सिंह व झुंझुनूं के बाकरा माेड़ निवासी अमजद यहां काम करते थे। अर्जुन सिंह के सात महीने के 70 हजार रुपए बाकी है, जबकि अमजद के 90 हजार रुपए बकाया है। अर्जुन सिंह ने बताया कि कैफे संचालक बारी का बास निवासी अक्षय ने सात महीने से उन्हें तनख्वाह नहीं दी। बार- बार तकादा करने के बाद भी अक्षय ने मजदूरी नहीं दी ताे मजदूराें ने ताला लगा दिया था। इस पर कैफे संचालक ने उन तालाें काे ताेड़कर दूसरा ताला लगा दिया। मजदूराें ने पगार दिलाने के लिए काेतवाली में भी रिपाेर्ट दी थी।

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