अनूठी शादी…जिसकी हर जगह हो रही है चर्चा, क्योंकि शादी से पहले जो तय किया था उसी के अनुसार हुआ सब कुछ

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दूल्हे व दुल्हन के साथ माता पिता

खिरोड़। आजकल बिना दहेज के शादी होना एक तरह से बड़ी बात है और वह भी जाट समाज में। आजकल लोग अपनी बेटी की शादी में बड़ी-बड़ी गाड़ियां, खूब महंगे महंगे आभूषण एवं विभिन्न तरह के आइटम देकर धूमधाम से शादी की जाती है। मगर इस शादी में बेटी वाले को सिर्फ अपनी बेटी के लिए सोने चांदी के आभूषण दिए गए हैं। इसके अलावा वर पक्ष ने मात्र 1 रूपया और नारियल लेकर ही शादी की है। यह चर्चा कर रहे है अपन खिरोड़ कस्बे की तुरकानी जोड़ही के पास रणवां की ढाणी के निवासी एवं सरस्वती स्कूल खिरोड़ के डायरेक्टर बीरबल राम रणवां के बेटे की शादी की। बीरबलराम रणवां ने अपने पुत्र रोशन की शादी सीकर जिले के पालड़ी गांव के निवासी बीरबल खाखल की पुत्री रेणुका के साथ कर सर्व समाज को अच्छा संदेश दिया है।

इस शादी में वर पक्ष और वधू पक्ष में पहले से ही तय हो गया था कि शादी में किसी भी तरह का दहेज नहीं लिया दिया जाएगा। और वास्तव में वही हुआ जो तय किया था। शादी में बेटी को दिए जाने वाले दहेज के सामान को देखकर बीरबल राम रणवां ने सख्त मना कर दिया कि इस मामले में अपने पहले ही बात हो चुकी थी कि दहेज के नाम से कुछ भी लिया दिया नहीं जाएगा। इसलिए बाद में बेटी वालों ने सभी चीजें कैंसिल कर दी। इस शादी से वर एवं वधू पक्ष दोनों पक्षों के लोग खुश है। साथ ही शादी में शामिल होने वाले लोग भी खुश है। हर तरफ इस शादी की लोगों द्वारा खूब प्रशंसा की जा रही है और इस शादी की क्षेत्र में खूब चर्चा भी सुनने को मिल रही है। लोगों ने ऐसी शादी होने पर खुशी व्यक्त करते हुए व एवं मधु दोनों पक्षों के लोगों को शादी की बधाई दी है।

सिर्फ कन्या और कलश ही चाहिए

दुल्हन के दादा से कलश लेते दूल्हे के पिता।


किसी भी शादी के होने से पहले वर एवं वधु पक्ष के दोनों पक्षों के मौजिज लोगों द्वारा जब आपस में बातचीत की जाती है तो यही कहा जाता है कि हमें कुछ नहीं चाहिए सिर्फ कन्या और कलश ही चाहिए। और इस शादी में यही हुआ सिर्फ कन्या और कलश लेकर ही यह शादी धूमधाम से की गई है। इस शादी की प्रशंसा हर तरफ हो रही है।

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