झुंझुनूं। सोती गांव के निकट बीड़ में हुए सड़क हादसे में एक युवा डॉक्टर की की जान चली गई। जानकारी के मुताबिक बीडीके अस्पताल के पूर्व पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर का बेटा डॉ. अर्पित कालेर रात को अपने दो दोस्तों के साथ आई टवंटी कार से सोती की तरफ जा रहा था। सोती के निकट मोड़ में गाड़ी का संतुलन बिगड़ने पर वह सड़क के दोनों ओर वन विभाग की लगी फेंसिंग जाल से जा टकराईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की गाड़ी ने जाल को तोड़ते हुए बीड़ में सड़क से 100 फीट दूरी पर जा गिरी।

सूचना पर रात को करीब ढाई बजे बीड़ पुलिस चौकी प्रभारी हैंड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह मय जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचे तो पाया कि गाड़ी में सवार दो युवक बाहर रोड पर थे। उन्होंने पास जाकर देखा तो ड्राइविंग कर रहा युवक अर्पित कालेर सीट पर फंसा हुआ था। जिसको बाहर निकाल कर पुलिस गाड़ी द्वारा बीडीके अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि अर्पित के साथ यश कटेवा और मनोज सैनी को चोट नहीं लगी। पुलिस ने मृतक अर्पित कालेर का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। इधर सुबह घटना की जानकारी लगने पर वन विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल पर आस-पास के ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
11 फरवरी काे सीकर में झुंझुनूं के डॉ. पंकज मांजू की हुई मौत
सीकर में लक्ष्मणगढ़ रोड पर 11 फरवरी को सडक़ हादसे में झुंझुनूं के गांव दिलावरपुरा के डॉ. पंकज मांजू की मौत हो गई थी। पंकज झुंझुनूं शहर के हाउसिंग बोर्ड में रहते थे और एसके मेडिकल कॉलेज में शिशु औषध विभाग में स्नातकोत्तर में अध्ययनरत थे। उनका दो महीने बाद ही कोर्स पूरा होने वाला था। वे कार से सीकर से लक्ष्मणगढ़ रोड पर जा रहे थे कि हादसे ने उनकी जिदंगी लील ली।
सड़कों पर विचरण करते मवेशी बन रहे हादसे का
सडक़ों पर विचरण करते मवेशी मौत का कारण बन रहे हैं। बुधवार देर रात डॉ. अर्पित कालेर की मौत का कारण भी बीड़ क्षेत्र में सडक़ों पर विचरण करता पशु ही बना। जिले के सडक़ मार्गों पर हर महीने एक हादसा सडक़ों पर विचरण करते पशुओं की वजह से हो रहा है।