झुंझुनूं । जिला मुख्यालय पर स्थित जिला जेल में कोत (हथियार खाना) के मुख्य प्रभारी ने रविवार सुबह 10:30 बजे रिवॉल्वर से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालांकि पुलिस ने कहा- यह आत्महत्या है या फिर दुर्घटना, इसकी जांच की जा रही है। घटना से करीब आधा घंटे पहले प्रहरी ने अपनी पत्नी से फोन पर बातचीत की थी। इसके बाद ड्यूटी पर आए और सीधे शस्त्रागार में पहुंचे, वहां से रिवॉल्वर उठाया और अपनी कनपटी पर गोली मार ली।
कोतवाली थाना एसएचओ राममनोहर ठोलिया ने बताया कि सूचना मिली कि मंडावा रोड स्थित जिला जेल में मुख्य जेल प्रहरी 45 वर्षीय मुख्य जेल प्रहरी कृष्ण कुमार ने खुद को गोली मार ली। मौके पर पहुंचकर घटना का निरीक्षण किया। कृष्ण कुमार जेल के हथियार खाने में मृत पड़ा था। हाथ में 455 बोर पिस्टल थी। सिर में छेद था। काफी ब्लड बहा था। पिस्टल लोडेड थी। इसमें से सिर्फ 1 गोली निकली थी, जिससे कृष्ण की मौत हुई। पिस्टल में पांच राउंड भरे और एक खाली था। शव को बीडीके हॉस्पिटल लाया गया। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
किन हालात में मौत हुई और आत्महत्या का कारण क्या रहा, इसकी जांच करेंगे। जानकारी के मुताबिक कृष्ण कुमार जेल परिसर के क्वार्टर में रहते थे। सुबह 10 से शाम 6 बजे तक उनकी ड्यूटी थी। रविवार को सुबह 10 बजे वे ड्यूटी पर आए। ड्यूटी पर आने के बाद मुख्य दरवाजे पर कुछ देर काम किया। इसके बाद रजिस्टर रखने के लिए जेल में स्थित हथियार खाने में चले गए। हथियार खाने के बाहर दो सिपाही थे। सुबह करीब 10:30 बजे हथियार खाने से गोली चलने की आवाज आई। हथियार खाने के बाहर मौजूद दोनों जवान अंदर गए तो फर्श पर कृष्ण कुमार पड़े थे। सिर में गोली लगी थी, खून बिखरा था।
डीएसपी बोले-मानसिक तौर पर स्वस्थ थे
झुंझुनूं जेल डीएसपी प्रमोद सिंह ने बताया कि- कृष्ण कुमार जिला जेल में अक्टूबर 2021 से पोस्टेड थे। उनके पास हथियार खाने का अतिरिक्त चार्ज था। वे कोत प्रभारी थे। प्रभारी होने के कारण वे हथियार खाने में आते-जाते रहते थे। हथियार खाने के पास मौजूद दो जवानों ने बताया कि कृष्ण को गोली लगी है। कृष्ण मानसिक तौर पर स्वस्थ थे। वे बखूबी ड्यूटी कर रहे थे। न उन्हें कोई शिकायत थी और न उनके खिलाफ किसी तरह की शिकायत थी। हो सकता है कि हादसे के कारण उनकी मौत हुई हो, यह जांच का विषय है। हां, कुछ दिन पहले वे बीमार हुए थे, लेकिन यह भी सामान्य था। उन्होंने कहा कि जेल में एक हथियार खाना आपात हालात से निपटने के लिए होता है। सारे हथियार यहां सुरक्षित रखे होते हैं। पिस्टल, रिवॉल्वर, राइफल सब यहीं होते हैं। जेल में आरएसी वाले ही ड्यूटी करते हैं।
सुबह पत्नी से की थी फोन पर बात
कृष्ण कुमार झुंझुनूं जिले की अलसीसर तहसील के जवाहरपुरा गांव के रहने वाले थे। वे 2003 बैच के कॉन्स्टेबल रहे। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 24 और छोटा 20 साल का है। दोनों कॉलेज की पढ़ाई कर रहे हैं। कृष्ण कुमार का परिवार गांव में रहता है। सूचना पर परिजन भी अस्पताल पहुंचे। जानकारी के मुताबिक रविवार को भी ड्यूटी पर आने से पहले वे अपनी पत्नी से फोन पर बातचीत कर रहे थे। पत्नी को फोन पर ड्यूटी पर जाने की बोलकर ही अपने क्वार्टर से निकले थे।