झुंझुनूं। राजस्थान राज्य प्रदुषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक कुमार ने दो नगरपालिकाओं पर भारी भरकम क्षतिपूर्ति राशि तय कर नोटिस जारी किया है। दरअसल राजस्थान राज्य प्रदुषण नियंत्रण मंडल झुंझुनूं द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीटमेंट होने के बाद निकलने वाली पानी की लगातार हर महीने सैंपलिंग करता है। झुंझुनूं के चिड़ावा कस्बे में तीन एमएलडी का एक एसटीपी प्लांट स्थापित है। इसी तरह तीन एमएलडी और एक एमएलडी के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नवलगढ़ में स्थापित है। जिससे ट्रीटमेंट होकर जो पानी निकल रहा है। वो पर्यावरण की दृष्टि से प्रदुषित माना जा रहा है। जो पर्यावरण के मापदंडों पर खरा ना उतरने के कारण उनके पानी के सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं।

क्षेत्रीय अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि लगातार सैंपल फेल होने के कारण संबंधित नगरपालिका के अधिकारियों को नोटिस देकर चेताया जा रहा था। बावजूद इसके इसमें कोई सुधार नहीं हो रहा था। जिसके चलते मंगलवार को चिड़ावा नगरपालिका पर 1 करोड़ 38 लाख 52 हजार 800 रूपए तथा नवलगढ़ के एक प्लांट पर 1 करोड़ 15 लाख 64 हजार 800 रूपए, दूसरे प्लांट पर 7 लाख 52 हजार 600 रूपए की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि अधिरोपित कर जमा करवाने के लिए नोटिस दिया गया है। यदि इसके बाद भी दोनों नगरपालिकाओं के अधिकारी नहीं चेतते है तो उच्चाधिकारियों को अग्रिम कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
इससे पहले मंगलवार को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने नगर परिषद के एईएन लोकेश दूलड़ की उपस्थिति में झुंझुनूं मुख्यालय पर स्थित एसटीपी के उपचारित जल का, एसटीपी के सामने से बहने वाले खुले नाले का, बगड़ रोड के उत्तर दिशा पर स्थित कच्चे तालाब में स्थित जल का एवं बगड़ रोड दक्षिण दिशा पर स्थित कच्चे तालाब 2 में स्थित जल के नमूने एकत्रित कर जांच के लिए क्षेत्रीय प्रयोगशाला सीकर भिजवाए गए है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों की मानें तो झुंझुनूं मुख्यालय पर स्थित एसटीपी से ट्रीटमेंट पानी उनके मापदंडों पर खरा उतर रहा है।