झुंझुनूं । आचार संहिता खत्म हाेते ही अब रुके हुए काम फिर से शुरू हाेने लगे हैं। शेखावाटी के प्रमुख प्राेजेक्ट यमुना जल की डीपीआर बनाने संबंधी कार्य काे लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री शर्मा ने 4 माह में हरियाणा सरकार के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर डीपीआर पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। ऐसे में इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना के तहत जल भंडाराण के अन्य विकल्प भी तलाशे जाए। परियोजना के तहत जल उपलब्धतता के लिए पंपिंग पर निर्भरता कम रखते हुए यमुना जल लाने पर जोर दिया जाए। बैठक में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, मुख्य सचिव सुधांश पंत, एसीएस जल संसाधन अभय कुमार, एसीएस वित्त अखिल अरोड़ा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
17 फरवरी काे हुआ था हरियाणा व राज्य सरकार के बीच एमओयू
17 फरवरी को केंद्र, राजस्थान व हरियाणा सरकार के मध्य यमुना जल काे लेकर एमओयू हुअा था। ताजेवाला से पाइपाें के जरिए पानी लाने पर सहमति बनी। चार माह में डीपीआर बनानी है। राजस्थान को ताजेवाला हेड-वर्क्स से यमुना नदी का पानी मिल सकेगा और बारिश में व्यर्थ बह जाने वाले जल का भी समुचित उपयोग हो सकेगा। प्रोजेक्ट में भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से यमुना नदी का पानी झुंझुनूं, चूरू व सीकर, व नीमकाथाना जिले को मिलेगा।
1994 से अटका हुअा झुंझुनूं के हिस्से का पानी
केंद्रीय जल बाेर्ड व पांच राज्याें के बीच यमुना जल पर मई 1994 में समझौते हुअा था। राजस्थान को हरियाणा स्थित ताजेवाला हेड पर मानसून के दौरान 1917 क्यूसेक जल मिलना है। वर्तमान में ताजेवाला हेड से राजस्थान को जल लाने के लिए नहर नहीं है। राज्य द्वारा वर्ष 2003 में हरियाणा की नहरों को रिमॉडलिंग कर राजस्थान में यह जल लाए जाने के लिए व पुनः वर्ष 2017 में भूमिगत प्रवाह प्रणाली के माध्यम से जल लाने के लिए हरियाणा सरकार को एमओयू भेजा गया। जिस पर हरियाणा राज्य की सहमति प्राप्त नहीं हो सकी थी। पिछले 30 वर्षों के दौरान राजस्थान द्वारा लगातार इस मुद्दे को अपर यमुना रिव्यू कमिटी व अन्य अंतराज्यीय बैठकों में निरंतर रखा गया।