झुंझुनूं। सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने बुधवार को जिला प्रभारी सचिव और जिला कलेक्टर के निर्देशों की पालना में झुंझुनूं व चिड़ावा कस्बे के निजी लैब और क्लिनिक का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में 5 लैब और 1 अस्पताल के पास क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। सीएमएचओ डॉ. डांगी ने बताया कि झुंझुनूं स्थित आरएनजेपी लैब, रविंद्र हॉस्पिटल में संचालित लैब और श्री बालाजी हॉस्पिटल में संचालित लैब के साथ गेटवेल अस्पताल झुंझुनूं तथा चिड़ावा स्थित भारत लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर, सीसीएल लैब का निरीक्षण के दौरान क्लिनिकल स्टेब्लिसमेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। चिड़ावा में सूर्या लैब और कृष्णा सिटी स्कैन सेंटर एव डायग्नोस्टिक सेंटर निरीक्षण के दौरान बंद मिले। माइक्रो केयर लेब झुंझुनूं बायो मेडिकल वेस्ट की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं मिला।
साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का पंजीयन भी नहीं मिला। इन सभी को न्यूनतम मानक पूरा करने और अविलंब पंजीयन करवाने के लिए निर्देश दिए गए। उक्त के खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रस्ताव जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी को भेजा जाएगा। सीएमएचओ डॉ. डांगी ने बताया कि बार बार अपील करने के बाद भी क्लिनिक, लेबोर्ट्री, अन्य नैदानिक स्थापना का एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना गंभीर बात है। उन्होंने बताया कि पहली बार एक्ट का उल्लंघन करने पर 50 हजार तक का जुर्माना जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण लगा सकती है। साथ ही दूसरी बार उल्लंघन करने पर 2 लाख तक और बार बार अपराध की पुनरावृत्ति करने पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सीएमएचओ डॉ. डांगी ने फिर अपील करते हुए कहा कि जिस नैदानिक स्थापना यथा अस्पताल, क्लिनिक, लेबोरेटरी ने अभी तक एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। वो अविलंब पंजीयन करवा लें। अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहे। सीएमएचओ डॉ. डांगी ने बताया कि एक्ट के तहत सभी लैब और अस्पताल को तीन साल तक रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का प्रावधान है। जिसकी पालना सभी लैब और अस्पताल को करनी होगी। किसी लैब संचालक की सरकारी चिकित्सकों के साथ मिली भगत पाई गई तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उधर, जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने सभी सरकारी चिकित्सकों को अस्पताल से बाहर की जांच नहीं लिखने के लिए निर्देशित किया है।