Wednesday, April 23, 2025
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ससुर को लकवा हुआ तो किसी ने योग कराने की सलाह दी, रोज अभ्यास कराया तो ठीक होकर चलने लगे, उसी दिन से बहू ने योग को बना लिया जीवन

पिलानी। यह खबर जज्बे और दृढ़ संकल्प की कहानी है। कस्बे के नजदीक बनगोठड़ी खुर्द की बहु वेद कौर के ससुर को लकवा हो गया था। हर जगह डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला। तब किसी ने सलाह दी कि ससुर को नियमित रूप से योग करवाएं, उसी से फायदा होगा। तब बहु वेदकौर ने नियमित रूप से ससुर को योगाभ्यास कराना शुरू किया, वे ठीक हो गए और चलने लगेे तो बहु ने योग को ही अपना लिया। स्कूल जीवन में खेलकूद में जिला लेवल पर कई मैडल जीत कर महपलवास में अपने माता पिता का नाम रोशन करने वाली वेद कौर ने खो-खो, कबड्डी और गोला फेंक आदि खेलों में गोल्ड मैडल जीत कर सम्मान प्राप्त किया। 2007 में वेद कौर की शादी बनगोठड़ी में वीरेंद्र पूनियां से हो गईं। वीरेंद्र गांव मे खेती के साथ सेटरिंग का काम करता है और वेद कौर की खेलों मे रूचि को देखते हुए पूनियां ने सदैव आगे बढ़ने मे साथ दिया। वेद कौर ने बिरला योगा केंद्र में योग करते लोगों को देखा तो उसने योग के प्रति लगाव हुआ और वे योग से जुड़ी। जैसे जैसे योग में रूचि बढ़ी तो उसने 2018 में युवा केंद्र से योग का कोर्स कर लोगों को योग के प्रति जागरूक करना शुरू किया। वे लगातार योग के प्रचार प्रसार में लगी रहती है और गांव में महिलाओं व लड़कियों को योग करवाती है।

दिल्ली सहित कई जगह हुई सम्मानित
वेद कौर योग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली, इंदौर, पिलानी, झुंझुनूं, काजड़ा, सुलताना, महपलवास, नवलगढ़, बिरला योग केंद्र सहित कई जगह सम्मानित हो चुकी है। इसके आलावा विश्व योगा दिवस पर जिला प्रशासन, पूर्व पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह, जिला पुलिस प्रशासन, सूरजगढ सहित अन्य स्थानों पर सम्मानित हो कर गांव व ससुराल का नाम रोशन किया। राष्ट्रीय योगा चैंपियनशिप प्रतियोगिता में वेद कौर ने राजस्थान का नेतृत्व करते हुए राजस्थान व झुंझुनूं जिले को गोल्ड मैडल दिलवाकर देश मे नाम रोशन किया।

युवाओं को दे रही स्वस्थ रहने का संदेश
वेद कौर ने बताया कि आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति जो भी कुछ खान पान में उपयोग कर रहा है। वह सब कुछ दवाइयों से तैयार होकर आ रहा है। जिसके कारण बीमारी बढ़ रही है। सभी के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही है। बीमारियों से लड़ने के लिए योग ही एकमात्र साधन है। जिसको करने से युवाओं के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति मे मजबूती आएगी। वे पिछले 10 सालो से गांवों में स्कूली छात्रों और छात्राओं को योग के प्रति जागरूक कर रही है और भी तक दो गोल्ड, तीन सिल्वर और दो रजत पदक जीत चुकी है। जिससे भी युवा प्रेरित हो रहे है।

ससुर को योग से दिलवाया नया जीव

बनगोठड़ी निवासी धूपसिंह।

वेद कौर के ससुर धूपसिंह के 2020 अगस्त मे लकवा आने से शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा चपेट में आ गया। जिनको उनके पुत्र वीरेंद्र पूनियां व वेद कौर ने डॉक्टरों को जयपुर, दिल्ली भी ट्रीटमेंट दिलवाया। परंतु डॉक्टर्स ने धूपसिंह की हालत नाजुक बताई। जिसके बाद पुत्र वधू वेद कौर ने योग व एक्सरसाइज लगातार करवाती रही। जिसकी बदौलत वे आज 200-300 मीटर घुमाई करने लगे है और अपना काम खुद करने मे सक्षम हो गए। वे करीब तीन साल से योग व एक्सरसाइज कर रहे है।

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