Wednesday, May 21, 2025
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शेखावाटी के लोगों की 30 साल पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद, दिल्ली में हरियाणा व राजस्थान के बीच हुआ एमओयू

झुंझुनूं। झुंझुनूं समेत पूरी शेखावाटी के किसानों की 30 साल पुरानी मांग अब पूरी होने की उम्मीद बढ़ी है। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो चार महीने बाद केंद्रीय जल आयोग डीपीआर को मंजूरी दे देगा। उसके बाद शेखावाटी के झुंझुनूं व चूरू जिले के राजगढ़ तहसील के कुछ गांवों को सिंचाई के लिए तथा सीकर जिले को पीने के लिए यमुना का पानी उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत की पहल पर राजस्थान व हरियाणा के बीच एमओयू किया गया। इसके तहत हथिनीकुंड बैराज से पाइप लाइन के जरिए शेखावाटी में पानी आएगा।

इस एमओयू से पहले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, हरियाणा सीएम मनोहरलाल खट्टर तथा राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा समेत सेंट्रल वॉटर कमीशन और अपर यमुना रीवर बोर्ड के अधिकारियों की मौजूदगी में यमुना जल समझौते को लागू करने के लिए बैठक हुई। इस बैठक के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्विट करते हुए बताया है कि शनिवार को हरियाणा के हथिनी कुंड बराज से राजस्थान को पानी देने की परियोजना पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के साथ एक बैठक कर चर्चा की है। एक गहरे विमर्श के बाद राजस्थान और हरियाणा के बीच एक डीपीआर बनाने को लेकर सहमति बन गई है, जिसके तहत दोनों राज्यों के बीच अंडरग्राउंड पाइपलाइन के माध्यम से पानी वितरित किया जाएगा।

चुरू, सीकर, झुंझुनूं सहित अनेक जिलों को इसका लाभ खासकर पेयजल के रूप में मिलेगा। इस डीपीआर की प्रक्रिया और पूर्णता के लिए चार महीने का समय तय किया गया है। सेंट्रल वॉटर कमीशन और अपर यमुना रीवर बोर्ड की भी इसमें भागीदारी रही। उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा है कि संवेदनशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बनी यह सहमति ऐतिहासिक है। दो दशकों से अटके मुद्दे पर यह एक ठोस और स्थायी समाधान की दिशा में  मजबूत कदम है और निश्चित ही राजस्थान में जल उपलब्धता के विषय में मील का पत्थर साबित होगी। इधर, इस बैठक के बाद यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक एवं इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले यशवर्धनसिंह शेखावत ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को पहली जीत तब मिली थी। जब 2019 में 31000 करोड़ की डीपीआर बनाई गई थी। वहीं आज दूसरी जीत मिली है। यह सब किसानों, युवाओं और झुंझुनूं में चल रहे 45 दिनों के संघर्ष के कारण हुआ है। लेकिन अभी भी यह लड़ाई पूरी नहीं हुई है। यह सिर्फ एक सुखद पड़ाव है। हमें इस समझौते को धरातल तक लाना है। हमारी सिर्फ यही मांग है कि जो 1.19 बिलियन क्यूबेक मीटर पानी हमें समझौते में मिलना है। वो पूरा मिले। इधर, यशवर्धन सिंह शेखावत व आंदोलन से जुड़े लोगों ने एक—दूसरे को मिठाई खिलाई।

मिली आंशिक सफलता — महासंघर्ष समिति
यमुना जल महासंघर्ष समिति झुंझुनूं शनिवार को केंद्रीय जल शक्ति गजेंद्र सिंह शेखावत की मध्यस्थता में यमुना जल को लेकर राजस्थान तथा हरियाणा के बीच हुए एमओयू, जिसमें सन् 2019 में बनी 31000 करोड़ रुपए की डीपीआर के अनुसार झुंझुनूं व चुरू जिले की राजगढ तहसील को 6 पाइपलाइन के जरिए पीने व सिंचाई का 1.19 क्यूबिक मीटर पानी मिलना था। शनिवार के समझौते के अनुसार सिर्फ पीने के लिए तीन पाइपलाइन से ही पानी मिलेगा जो पिछले तीस वर्षों से सिंचाई के पानी के लिए बाट देख रहे किसानों की आशाओं पर पानी फेर दिया है।यमुना जल महासंघर्ष समिति नई डीपीआर की बजाय पुरानी डीपीआर की स्वीकृति के लिए संघर्ष करेगी। यह जानकारी महासंघर्श समिति के सदस्य फूलचंद बरबड़ और रामचंद्र कुलहरि ने दी।

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