Monday, May 12, 2025
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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राहुल गांधी को बताया एक विदेशी महिला का बेटा, कहा-चाणक्य ने सही कहा था, विदेशी महिला के पेट से पैदा व्यक्ति देश का भला नहीं कर सकता

झुंझुनूं। सूबे के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर रविवार को झुंझुनूं के दौरे पर रहे। झुंझुनूं पहुंचने पर उन्होंने शहीद स्मारक में शहीदों को और बाबा साहेब को नमन किया। इस मौके पर मंत्री मदन दिलावर के साथ भाजपा प्रदेश महामंत्री संतोष अहलावत, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, भाजपा जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी तथा भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य विश्वंभर पूनियां भी मंत्री के साथ रहे। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मदन दिलावर ने एक विवादास्पद और राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि चाणक्य ने सही कहा था कि विदेशी महिला के पेट से पैदा होने वाला व्यक्ति या बेटा कोई भी देश का भला नहीं कर सकता। बल्कि देश के खिलाफ ही कार्रवाई करेगा। चाणक्य की बात सही साबित हो रही है। राहुल गांधी एक विदेशी महिला के पुत्र है। इसके लिए वो लगातार देश के खिलाफ और देशवासियों के खिलाफ बोल रहे है। उन्होंने पूरे देश के लोगों को हिंसक और झूठा कहा है। यह पूरे हिंदुस्तान और हिंदूओं का अपमान है। पता नहीं कांग्रेस किसके इशारे पर चल रही है। कौन इन्हें प्रेरणा दे रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी राहुल गांधी बोल चुके है कि हिंदू मंदिर में लड़कियां छेड़ने जाते है। यह भी हमारी हमारी बहनों और भाइयों का अपमान है। उन्होंने कहा कि हिंदू हिंसक है। झूठे है। बताकर राहुल गांधी ने हिंदू समाज का, साधु—संतों का, आने वाली हमारी जनरेशन का और हमारा घोर अपमान किया है। हिंदुस्तान की जनता इसे माफ नहीं करेगी।  इस मौके पर डॉ. राजेश बाबल, मुरारी सैनी, महेश जीनगर, प्यारेलाल ढूकिया, पूर्व प्रधान गिरधारीलाल खीचड़, पूर्व पार्षद कुलदीप पूनियां  मौजूद थे।

विधानसभा सत्र के बाद संभव है शिक्षकों के तबादले!
इस मौके पर पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए मदन दिलावर ने संकेत दिए कि शिक्षकों के तबादले विधानसभा सत्र के बाद होंगे। दरअसल एक सवाल का जवाब देते हुए दिलावर ने कहा कि तबादले जब भी करेंगे। मीडिया को इसकी जानकारी देंगे। लेकिन फिलहाल तो वैसे भी विधानसभा सत्र चल रहा है। ऐसे में तबादले नहीं हो सकते। जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा सत्र के बाद सरकार शिक्षकों के तबादले कर सकती है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर दिलावर ने कहा कि यह मामला मंत्रीमंडल के समक्ष विचाराधीन है। जैसा भी निर्णय होगा। उसकी पालना करवाई जाएगी। इस मौके पर दिलावर ने कहा कि एक जनवरी से पहले के जो भी शिक्षक व शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी डेपुटेशन पर लगे हुए है। उन्हें हम ढूंढ ढूंढ कर निकाल रहे है। उनके डेपुटेशन निरस्त कर रहे है। सरकारी स्कूलों में बाल गोपाल योजना के तहत सरकार दूध की जगह मिलेट्स दे सकती है। एक सवाल का जवाब देते हुए दिलावर ने कहा कि पाउडर का दूध बच्चे नहीं पीते है। इसलिए एक्सपर्ट के राय ली जा रही है। जिसका एक अलटरनेट मिलेट्स हो सकते है।

शिक्षा मंत्री मंदन दिलावर का स्वागत करते भाजपा नेता।

सस्ती लोकप्रियता के लिए कांग्रेस ने खोले स्कूल
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों को मर्ज करने के सवाल पर कहा कि पिछली सरकार ने 200—200 मीटर पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए स्कूलें खोल दी। इसलिए यदि किन्हीं स्कूलों को मर्ज या डी मर्ज करने की जरूरत होगी। तो वो भी सरकार करेगी। इसके लिए भी कार्रवाई चल रही है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने के सवाल पर मदन दिलावर ने गत सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एक भी बेवकूफ का नाम बता दो। जो बोले कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलें खोली है। ना स्कूल खोला, ना कमरा बनाया, ना स्टाफ लगाया। पुरानी स्कूलों पर अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लगाने से इंग्लिश मीडियम स्कूलें नहीं हो जाती। यह सिर्फ गत सरकार का षड़यंत्र था। जनता को बेवकूफ बनाने का। लेकिन वो इसमें विफल हो गए। इसे लेकर भी छात्रहित में निर्णय होगा।

निजी स्कूलों की वकालत की मंत्री ने
निजी स्कूलों की वकालत करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में फिलहाल 82 लाख और निजी स्कूलों में 85 लाख बच्चे पढ रहे है। इसलिए निजी स्कूलों को हमेशा नकारात्मक भाव से नहीं देखना चाहिए। वे भी शिक्षा को आगे बढाने में हमारा सहयोग कर रहे है। 97.3 फीसदी स्कूलें तो आज भी फीस 5 से 15 हजार रूपए के बीच ले रहे है। जिनसे उनका काम चल रहा है। लेकिन 2.7 फीसदी स्कूल ऐसे है। जहां पर फीस ज्यादा है। लेकिन उनके अपने तर्क है। हम कोशिश कर रहे है कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए। जिससे विद्यार्थियों व अभिभावकों पर बोझ ना पड़े और स्कूलें भी चलती रहे। बच्चों में बढ रहे सुसाइड केस के मामले में दिलावर ने कहा कि इनके के लिए संस्थान नहीं, बल्कि संगत और अभिभावक भी जिम्मेदार है। वे बच्चे की क्षमता को आंके बिना उनसे अपेक्षाएं कर लेते है। इसलिए डॉक्टर इंजीनियर ही जीवन का एक जरिया नहीं है। बीए करके भी कलेक्टर बना जा सकता है। इसे हमें समझना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में जिन शिक्षकों ने गड़बड़ी की है या फिर जिन्होंने कांग्रेस के पक्ष में खुलकर काम किया है। उन्हें राजस्थान से बाहर तो नहीं निकाला जा सकता। लेकिन हम जांच करवा रहे है। उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

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