झुंझुनूं। हमेशा से विवादों में रहने वाले झुंझुनूं तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी की तबीयत बिगड़ गई है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दरअसल झुंझुनूं तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने जमीनों की 90ए की कार्रवाई में नियमों को ताक पर रखकर भूमाफियाओं के साथ मिलकर करोड़ों रूपयों का घोटाला कर डाला है। जिसकी शिकायत जिले के प्रभारी सचिव डॉ. समित शर्मा को मिलने के बाद उन्होंने जांच के निर्देश दिए। जिले के प्रभारी सचिव डॉ. समित शर्मा के निर्देशों की पालना में जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने तहसीलदार के खिलाफ प्राप्त हुई तीन शिकायतों की जांच एसीएम नवलगढ़ हवाईसिंह यादव को दी। एसीएम ने जांच को लेकर तहसीलदार को अपना पक्ष बताने के लिए पत्र लिखा और दूसरे दिन फोन पर जवाब भेजने के लिए कहा। लेकिन तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी ने एसीएम हवाई सिंह को ना केवल बुरा भला कहा। बल्कि अपनी पूरी भड़ास फोन पर निकाल डाली।
इसके बाद तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी की तबीयत खराब होने की बात सामने आई। जिस पर उन्हें बीडीके अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां पर उनकी तबियत ठीक मिली। केवल मामूली बीपी बढा हुआ मिला। अब अंदरखाने चर्चा है कि विवादों में रहने वाले तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी जब से झुंझुनूं आए है। तब से उनकी शिकायतें चल रही है। यहां तक की उनके कार्यालय के कर्मचारी भी तहसीलदार पर गालियां निकालने, महिलाओं से अभद्रता करने जैसे आरोप लगाकर कार्य बहिष्कार की धमकी दे चुके हैं। अब तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी जांच में अपना पक्ष रखने के बजाय जांच के नाम पर बार-बार प्रताड़ित का आरोप लगा रहे हैं। वहीं कर्मचारियों और पटवारियों को आगे करके दो दिन से कार्य बहिष्कार करवा रखा है। खुद तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी सामने नहीं आ रहे और ना ही अपना पक्ष रख रहे हैं।
विवादों से पुराना नाता रहा है तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी का
विवादों से तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी का पुराना नाता रहा है। बताया जा रहा है कि नवंबर 2021 में मांडलगढ़ में तहसीलदार रहते हुए सुरेंद्र चौधरी पर एक निर्माण कार्य में महिला पार्षद के साथ बदसलूकी का आरोप लगने के साथ—साथ एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। इससे पहले तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी ने इस महिला पार्षद पर राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करवाया। इसके अलावा सितंबर 2023 में सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत हुए और उन्होंने कहा कि तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी के पास सब रजिस्ट्रार का अतिरिक्त चार्ज है। वे गलत काम करने के लिए कर्मचारियों पर दबाव बनाते हैं, ना करने पर जातिसूचक गालियां निकालते हैं। महिलाओं के साथ अभद्रता करते है। वहीं, जनवरी 2024 में आबूसर में एक कार्रवाई को लेकर भी सुरेंद्र चौधरी पर गलत और नियम विरूद्ध कार्रवाई का आरोप लग चुके है। इसमें भी सुरेंद्र चौधरी ने पटवारी के जरिए गांव के कुछ लोगों पर राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज करवाया था। हाल ही में आटो म्यूटेशन के केसों में प्रभावित लोगों को बार-बार चक्कर लगवाने की भी शिकायत पिछले दिनों कलेक्टर से हुई थी।
इधर हुई कार्रवाई, बनवारीलाल गिरफ्तार
इधर, जिस बनवारीलाल ढेवा के खिलाफ कर्मचारी और पटवारी कार्रवाई की मांग को लेकर दो दिन से हड़ताल पर है। उस पर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई की है। शहर कोतवाल पवन चौबे ने बताया कि अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी राजेश बजाड़ द्वारा दर्ज करवाई गई रिपोर्ट में जांच चल रही थी। इसी क्रम में अब जांच में आरोप प्रमाणित होने पर ढेवा का बास निवासी बनवारीलाल को एससी—एसटी, राजकार्य में बाधा और मारपीट की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया है। जिसे एससी एसटी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेजने के आदेश हुए है।