Thursday, February 13, 2025
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राजस्व मंडल के सॉफ्टवेयर का घपला; जमीन कम बेची, फिर भी ऑटो म्यूटेशन में चढ़ा दी ज्यादा

झुंझुनूं। राजस्व मंडल के सॉफ्टवेयर की गलती का हर्जाना आमजन भुगत रहा है। दरअसल हाल ही में राजस्व मंडल ने जमीन की रजिस्ट्री के बाद, जमीन खरीदने वाले व्यक्ति के नाम स्वत: नामान्तरण की प्रक्रिया अपना रखी है। लेकिन इस प्रक्रिया के लिए तैयार किए गए सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी से किसी की रजिस्ट्री करवाई गई जमीन से कम तो किसी की ज्यादा नाम हो रही है। ऐसे में लोगों को खासी परेशानी हो रही है। इसकी शिकायतें पूरे प्रदेश से पहुंची तो राजस्व मंडल ने इसके लिए स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया और इन गलतियों को दुरूस्त करने के आदेश दे दिए। लेकिन झुंझुनूं तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी, राजस्व मंडल के लिखित आदेश और जिला कलेक्टर के निर्देशों की पालना करने के बजाय लोगों को परेशान कर रहे हैं। अब इसकी शिकायत एक व्यक्ति गुलजारीलाल शर्मा ने की है।

गुलजारीलाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने कुलोद कलां पंचायत के नरसिंहपुरा गांव में अपनी एक जमीन का हिस्सा पितराम और संतोष देवी को बेचा था। जिसे ऑटो म्यूटेशन की तहत पितराम और संतोष देवी के नाम बेचे गए हिस्से से कहीं ज्यादा नाम कर दिया गया। जब वे अपनी शेष जमीन का बेचान करने के लिए रजिस्ट्री करवाने पहुंचे तो उन्हें मालूम चला कि पितराम और संतोष के नाम बेची गई जमीन से ज्यादा क्षेत्र नाम हो गया है। इस पर उन्होंने तहसीलदार से इसे दुरूस्त कराने का निवेदन किया और कहा कि धारा 166 में और सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र में स्पष्ट है कि जो गलती हुई है। उसे तुरंत दुरूस्त किया जाए। लेकिन बार-बार निवेदन और उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद उनकी जमीन का क्षेत्रफल दुरूस्त नहीं किया जा रहा है। जबकि उन्हें शंका है कि इस दरमियान खुर्द-बुर्द हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

आरोप : किसी दलाल के जरिए काम करवाता तो हो जाता

गुलजारीलाल शर्मा ने तो यहां तक आरोप लगाए है कि यदि वह किसी दलाल के जरिए यह काम करवाने चला जाता तो उनका समय पर काम हो जाता। लेकिन अब उन्हें सिर्फ चक्कर लगवाए जा रहे है। इधर, तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि यह समस्या पूरे प्रदेश में थी। जिसके लिए सरकार ने आदेश तो जारी कर दिए। लेकिन पुराने प्रकरणों को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन नहीं दी। इसलिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। पर यहां पर भी सवाल यह है कि पुराने प्रकरणों को लेकर यदि पूरे प्रदेश से मार्गदर्शन मांगे जाने लगा तो राजस्व मंडल या फिर सरकार एक-एक प्रकरण पर मार्गदर्शन कैसे देगी। जबकि बकौल, गुलजारीलाल शर्मा कि जिला कलेक्टर भी निर्देश दे चुकी है कि समस्या का समाधान करें। फिर भी तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी हठधर्मिता कर रहे हैं। आपको बता दें कि तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी लगातार विवादों में रहे है। उनके खिलाफ उनके ही कर्मचारी मोर्चा खोल चुके हैं। इसके अलावा भी तरह-तरह के आरोप तहसीलदार पर लग चुके हैं।