Thursday, February 13, 2025
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यमुना नहर के मुद्दे ने जोर पकड़ा, जब ईआरसीपी को मंजूरी मिल सकती है तो यमुना प्रोजेक्ट को क्यों नहीं?

झुंझुनूं। वर्ष 2017 से चुनाव मुद्दा रही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का हल निकल आया है। राजस्थान व मध्यप्रदेश के बीच संशोधित प्रोजेक्ट पर दोनों मुख्यमंत्रियों के हस्ताक्षर के साथ ही वर्षों पुरानी मांग पूरी होने की राह आसान हो गई। इसको मंजूरी मिलते ही पिछले कई दिनों से झुंझुनूं जिले में यमुना नहर के पानी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। किसानों का कहना है कि अब केंद्र सहित संबंधित राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। ऐसे में यदि अब यमुना का पानी झुंझुनूं को नहीं मिला तो फिर कभी नहीं मिलेगा। इसलिए इस आंदोलन को तेज करने के लिए रविवार को शिक्षक भवन में यमुना जल समझौते को लागू करने की मांग को लेकर जिलेभर में संघर्षरत जन संगठनों व व्यक्तियों की बैठक हुई। जिसमें कामरेड फूलचंद ढेवा, कामरेड विद्याधर गिल, गोकुलचंद सोनी, तेजस्वनी शर्मा, कैलाश यादव का अध्यक्षमंडल बनाया गया।

बैठक में 31 सदस्यीय यमुना जल महासंघर्ष समिति झुंझुनूं का गठन किया गया। यमुना जल महासंघर्ष समिति झुंझुनूं में गोकुलचंद सोनी, बजरंगलाल नेहरा, विद्याधर गिल, फूलचंद बर्बर, बजरंगलाल चारावास, फूलचंद ढेवा, रामचंद्र कुलहरि, गजराज कटेवा, कैलाश यादव, मदन सिंह यादव, यशवर्द्धन सिंह, तेजस्विनी शर्मा, पंकज गुर्जर, राजेश बिजारणिया, सुमेर सिंह बुडानिया, ओमप्रकाश झारोड़ा, महिपाल पूनियां, प्रवीण, सुरेश महला, गिरधारीलाल महला, सचिन चोपड़ा, अजय तसीड़, विजेंद्र लांबा, शीशराम कामरेड, इंद्राज सिंह चारावास, जयपाल बसेरा, अनिल धायल, अरविंद, निहाल सिंह रणवां, शेरसिंह रणवां व उमराव सिंह ओजटू कमेटी में चयन हुआ। यमुना जल समझौते के संबंध में कामरेड रामचंद्र कुलहरि व यशवर्द्धन सिंह शेखावत ने प्रारूप पर प्रकाश डाला। बैठक को कामरेड फूलचंद बर्वर, कामरेड मदन सिंह यादव, बजरंगलाल नेहरा, प्रवीण कृष्णियां, गजराज कटेवा, ओमप्रकाश झारोड़ा, महिपाल पूनियां, सचिन चोपड़ा, सुरेश महला, अजय तसीड़, विजेंद्र लांबा, शीशराम कामरेड, जयपाल बसेरा ने संबोधित किया। यमुना जल महासंघर्ष समिति झुंझुनूं की हुई बैठक में तय किया गया कि 5 फरवरी को सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। जिसमें मांग की जाएगी कि नहर के वास्ते बनी 31 हजार करोड़ रुपए की डीपीआर को केंद्र सरकार अविलंब तकनीकी स्वीकृति जारी करें तथा हरियाणा सरकार से राजस्थान सरकार के साथ एमओयू करवाएं। आगामी 12 फरवरी को जिला मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।