झुंझुनूं। जिले में यमुना के पानी की मांग को लेकर गांव-गांव धरने पर बैठे किसान सोमवार को यमुना जल महा संघर्ष समिति के आह्वान पर झुंझुनूं कलेक्ट्रेट पहुंचे और 1994 में पांच राज्यों के बीच हुए यमुना जल समझौते को लागू करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।
यमुना जल संघर्ष समिति संयोजक व महासंघर्ष समिति के सदस्य यशवर्धन सिंह ने बताया कि वर्ष 1994 में पांच राज्यों के बीच यमुना जल समझौता हुआ था। इसके बाद समझौता लागू करवाने के लिए 1995 में अपर यमुना रिवर बोर्ड का गठन किया गया। शुरू में यमुना जल समझौता हुआ तब यह माना गया कि हरियाणा में पहले से बनी नहर राजस्थान की सीमा तक जाती है। उनसे राजस्थान तक पानी ले जाया जाएगा और आगे राजस्थान अपने क्षेत्र में नहरें बनाकर पानी ले लेगा। लेकिन हरियाणा इस बात पर सहमत नहीं हुआ और 30 साल गुजर जाने के बाद भी समझौता लागू नहीं हुआ।
किसानों ने ज्ञापन में ईआरसीपी की तर्ज पर जल्द हरियाणा से एमओयू करने और यमुना जल समझौते के तहत यमुना जल की निर्धारित मात्रा का पानी झुंझुनूं को दिलवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। यमुना जल महासंघर्ष समिति ने राज्य सरकार से केंद्रीय जल आयोग द्वारा प्रोजेक्ट रिपोर्ट को तकनीकी स्वीकृति दिलवाने की मांग करते हुए चेताया कि लोकसभा चुनाव से पहले अगर झुंझुनूं जिले के गंभीर जल संकट को ध्यान में रखते हुए यमुना जल समझौते को लागू नहीं करवाया गया तो हालात विकट होंगे और बड़ा आंदोलन होगा। इससे पहले कलेक्ट्रेट पर आयोजित जन सभा की शुरुआत में शहीद बालूराम को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।
कामरेड फूलचंद ढेवा, कामरेड विद्याधर गिल, बजरंगलाल नेहरा पूर्व प्रधान, कैलाश यादव व पूर्व सैनिक यूनियन के नेता ताराचंद सहित पांच सदस्यीय कमेटी अध्यक्षमंडल का चयन किया। यमुना जल महासंघर्ष समिति के सदस्य यशवर्द्धन सिंह शेखावत ने यमुना जल समझौते व बाद के कानूनी पक्ष पर विस्तार से बताया। कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने नहर के प्रस्ताव पर समर्थन मांगने पर सभा में मौजूद जनता ने हाथ उठाकर समर्थन किया।
सभा को इन्होंने किया संबोधित

यमुना जल समझौते को लागू करने, नहर की डीपीआर की तकनीकी स्वीकृति देने व राजस्थान तथा हरियाणा के बीच एमओयू करवाने की मांग पर आयोजित सभा को पिलानी विधायक पितराम काला, सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार, कामरेड फूलचंद ढेवा, फूलचंद बरबड़, रामचंद्र कुलहरि, पूर्व प्रधान शेरसिंह नेहरा, पूर्व उप जिला प्रमुख विद्याधर गिल, निरंजनलाल, बजरंग हमीरपुर, महावीरप्रसाद यादव, बजरंगलाल नेहरा, सुरेश महला, अजय तसीड़, पूर्व जिला परिषद सदस्य मूलचंद खरींटा, इंद्राज सिंह चारावास, रविंद्र पायल, सुमेर सिंह बुडानिया, ओमप्रकाश झारोड़ा, रणवीर सिंह, सुभाष हमीनपुर, ताराचंद गुप्ता भोड़कीवाला, सुमेर धाबाई, गजराज कटेवा, रमेश मील, कैलाश यादव, रामनिवास डूडी सैनिक संघ, रामनिवास थाकन, नरेश एडवोकेट, विजेंद्र शास्त्री, बजरंग बराला, कर्मवीर सिंह, मनफूल सिंह, जयपाल बसेरा,आशीष पचार, पोकर सिंह, धर्मपाल गुर्जर, पार्षद मकबूल, राहुल जाखड़, राजेश खटाणा, विजेंद्र लांबा, होशियार सिंह चाहर, अरविंद गढवाल, मनोज सिंह आदि ने जिले में गिरते जल स्तर को देखते हुए आसन्न कृषि संकट को देखते हुए आंदोलन को मजबूत करने पर बल दिया। महासंघर्ष समिति की तरफ से जिले के सभी जन प्रतिनिधियों पंच से लेकर विधायकों, सांसद तक सभी को दलीय राजनीति से उपर उठकर समर्थन करने की अपील की गई। महासंघर्ष समिति की तरफ से घोषणा की गई कि आगामी 20 फरवरी को सभी ग्रामों में धरना देने दिया जाएगा। आंदोलन का जुझारू कार्यक्रम लेने के लिए 15 फरवरी को 11 बजे अंबेडकर पार्क झुंझुनूं पर यमुना जल महासंघर्ष समिति की बैठक बुलाई गई है।महासंघर्ष समिति की ग्राम ग्राम कमेटियां बनाने का आह्वान किया।