झुंझुनूं। शहर के लावरेश्वर महादेव मंदिर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिवस व्यास पीठ से कथावाचक संतश्री हरिशरण महाराज ने कृष्ण बाल लीला, गोर्वधन पूजा के प्रसंग सुनाए व श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर चित्रण भी किया। उन्होंने कहा कि कृष्ण भगवान की अद्भुत लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैंने माखन नहीं खाया।
महाराजश्री ने कहा कि यशोदा का अहंकार था तो कृष्ण नहीं बंधे। लेकिन प्रेम से श्रीकृष्ण भक्तों के बंधन में बंध जाते हैं। जब जीव मन, वचन, काया से स्मरण करता है तो प्रभु कृपा कर देते हैं। प्रभु अपने भक्तों से दूर नहीं रह सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के घर गायों और माखन की कमी नहीं थी। बावजूद इसके गोपियों के अटूट प्रेम के चलते भगवान श्रीकृष्ण माखन चोर कहलाए। विदित है कि लावरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर के 33वें वार्षिकोत्सव के शुभ अवसर पर श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान का आयोजन 10 से 16 फरवरी तक किया जा रहा है। कथा के पश्चात आरती हुई एवं सभी श्रद्धालु भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। ट्रस्ट की ओर से कथा स्थल पर सभी व्यवस्थाएं सुंदर रूप से संपन्न करवाई जा रही है। इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी, ट्रस्टी एवं कार्यकारिणी सदस्यों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे।
पचलंगी में द्वारकेश्वर मंदिर में शिव परिवार की मूर्तियों की हुई प्राण प्रतिष्ठा

उदयपुरवाटी। उपखंड क्षेत्र के पचलंगी गांव में बुधवार को बसंत पंचमी के पावन पर्व पर द्वारकेश्वर महादेव मंदिर में शिव परिवार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई। विद्वान पंडितों द्वारा विधि विधान से मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 13 फरवरी को विशाल भजन संध्या का आयोजन हुआ। जिसमें कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी। द्वारकेश्वर महादेव मंदिर परिसर को बंगाली फूलों से सजाया गया। ध्यान रहे स्वर्गीय द्वारकाप्रसाद गोयल की स्मृति में मंदिर का निर्माण करवाया गया है। गोयल परिवार के दीपचंद गोयल, मनोज कुमार गोयल, सुनील गोयल सहित समस्त गोयल परिवार ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें दूर दराज से आए हुए श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। गोयल परिवार के दीपचंद गोयल, मनोज गोयल, सुनील गोयल सहित समस्त गोयल परिवार ने आए हुए साधु संतों का शॉल ओढाकर सम्मान किया। राष्ट्रीय सामाजिक जन चेतना मंच के अध्यक्ष एवं धर्मप्रेमी मदनलाल भांवरिया वह पचलंगी के कृषि पर्यवेक्षक पूरणमल यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वर्गीय द्वारकाप्रसाद गोयल की स्मृति में मंदिर बनाया गया हैं। क्योंकि स्वर्गीय द्वारकाप्रसाद गोयल भगवान शंकर के परम भक्त थे। इस दौरान नवसारी के संत धर्मदास महाराज, कृष्णदास, बिहारीदास, सीतारामदास, रतिदास, किशनदास, कृष्णदास, हनुमानदास मौनी बाबा, रामदास, रामस्वरूपदास सहित सैंकड़ों संत मौजूद रहे। इस मौके पर अनिल गोयल, महावीर प्रसाद चौधरी रायपुर वाले, रतनलाल अग्रवाल कोलकाता प्रवासी, रतनलाल खड़का नीमकाथाना, मुरारीलाल दौलतपुरा उद्योगपति नीमकाथाना, प्रवीण अग्रवाल पचलंगी, पांचूराम जांगिड़ गौ सेवा समिति पचलंगी, दीपचंद गोयल, महेश, त्रिलोक दीवान सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।