Thursday, February 13, 2025
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बिहार की कुख्यात घोडासन गैंग ने साढ़े चार साल बाद फिर झुंझुनूं में की चोरी, गैंग का मुखिया धरा गया

झुंझुनूं। बिहार की कुख्यात घोडासन गैंग एक बार फिर साढ़े चार साल बाद झुंझुनूं में ना केवल सक्रिय हो गई है। बल्कि उन्होंने एक दुकान से 10 लाख रूपए की चोरी भी कर डाली है। लेकिन पुलिस ने इस गैंग के सरगना को गिरफ्तार कर लिया है। इसी गैंग ने जुलाई 2019 में चिड़ावा की एक मोबाइल की दुकान में महंगे मोबाइल चुराकर करीब 30 लाख रूपए की चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। जानकारी के मुताबिक शहर के रोडवेज बस डिपो के पास एक फैंसी स्टोर के मालिक मोहम्मद रफीक ने कोतवाली में दो मार्च को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी दुकान का शटर तोड़कर अज्ञात चोर दुकान में रखे 10 लाख रूपए चुराकर ले गए। जिस पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की तो बिहार के दो—तीन मोबाइल नंबर संदिग्ध लगे। इन मोबाइल नंबरों का पीछा करते करते पुलिस बिहार तक पहुंच गया। बिहार से पूर्वी चम्पारण मोतिहारी जिले के झरोखर थाना इलाके के अठमुहान गांव निवासी 28 वर्षीय रैयाज उर्फ रियाज अंसारी को पकड़ा और पूछताछ की तो उसने चोरी की वारदात करना कबूल लिया।

पुलिस ने रैयाज उर्फ रियास अंसारी को गिरफ्तार कर लिया और उसके दो अन्य साथियों की तलाश शुरू कर दी है। जो फिलहाल नेपाल में फरारी काट रहे हैं। आपको बता दें कि इन्हीं आरोपियों ने चिड़ावा में जुलाई 2019 में मोबाइल की दुकान में चोरी की थी। आरोपी यहां पर भी बस स्टैंड के पास कुलहरि होटल में ठहरे हुए थे। दो दिन तक होटल में ठहरने के बाद उन्होंने शहर में कई दुकानों की रैकी की। रैकी के बाद उन्होंने होटल से 100 मीटर दूरी पर ही फैंसी स्टोर को निशाना बनाया। एक मार्च को सुबह साढ़े तीन बजे महज 10 मिनट में उन्होंने चोरी की वारदात की और फिर होटल आकर सामान उठाया और अलग—अलग बसों से मानेसर के लिए रवाना हो गए थे। मानेसर में उन्होंने एजेंटों के जरिए कैश रकम को अपने अपने दोस्तों, परिजनों के खाते में आनलाइन पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद सभी गांव के लिए रवाना हो गए।

एक ने बस पकड़ी डिपो से, दो अग्रसेन सर्किल से बैठे दूसरी बस में
झुंझुनूं में वारदात करने के बाद आरोपी अलग—अलग निकले। मुख्य आरोपी रियाज उर्फ रैयाज ने पास ही डिपो से मानेसर के लिए रोडवेज बस पकड़ी। जबकि उसके दो साथी आटो रिक्शा से पहले अग्रसेन सर्किल गए। जहां से दूसरी बस पकड़कर वे भी मानेसर पहुंचे। सुबह मानेसर में सभी ने अपने अपने हिस्से के पैसे बांटे। इसके बाद वहां पर एजेंटों के जरिए अपने परिजन, रिश्तेदार और दोस्तों के खातों में आनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाए। वहां से फिर से ये सभी अलग—अलग हो गए और ट्रेन के जरिए बिहार के छपरा तक पहुंचे। छपरा से सभी ने अपने अपने गांव के लिए बस पकड़ी। इसमें दो युवक एक ही गांव के है। तो तीसरा युवक पास के गांव का है। पुलिस लगातार मोबाइल ट्रेकिंग से इनके पीछे लगी हुई थी। चलती हुई बस में रियाज के गांव से करीब 100 किलोमीटर पहले रियाज को दबोचा गया।

बार-बार में बंद व चालू करता रहा मोबाइल
जानकारी के मुताबिक रियाज उर्फ रैयाज और उसके दो साथी बार-बार मोबाइल को बंद और चालू करते रहे। जिसके कारण पुलिस को जरा सी परेशानी हुई। लेकिन रैयाज उर्फ रियाज ने बिहार में एंट्री करने के बाद मोबाइल को चालू ही रखा। जिसके बाद पुलिस ने सबसे पहले रैयाज को दबोचा और फिर दो साथियों के बारे में पूछा तो वे नेपाल निकल चुके थे। पुलिस के अनुसार शेष दो आरोपियों को भी नामजद कर लिया गया है। उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

फैंसी स्टोर पर पहले दिन जाकर भी आए थे
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने रोडवेज डिपो के पास कुलहरि होटल में कमरा लिया था। वे दो दिनों तक शहर में बड़े शोरूम की रैकी करते रहे। लेकिन उन्होंने डिपो के पास ही फैंसी स्टोर को निशाना बनाया। इस दुकान की पूरी तरह रैकी करने के लिए तीनों आरोपी सामान खरीदने के बहाने दुकान पर एक दिन पहले गए भी थे। वहां पर 15—20 मिनट तक रूके। इसके बाद वापिस आकर इसी दुकान में हाथ साफ करने का पूरा प्लान बनाया।

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