झुंझुनूं। चुनाव आयोग की लोकसभा चुनावों को लेकर तारीखों की घोषणा के साथ ही झुंझुनूं जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। एडीएम रामरतन सौंकरिया ने बताया कि पूर्व में ही सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। लेकिन आगामी 72 घंटे आचार संहिता की पूरी तरह पालना करवाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। पूर्व में गठित सभी टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए है। उन्होंने बताया कि झुंझुनूं में लोकसभा चुनावों के लिए 20 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जो 27 मार्च तक चलेगा। वहीं 28 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद 30 मार्च तक नामांकन वापिस लिए जा सकेंगे। वहीं 19 अप्रेल को मतदान होगा। मतदान के करीब डेढ महीने बाद चार जून 2024 को मतगणना होगी। उन्होंने कहा कि निष्पक्षता, पारदर्शिता और आचार संहिता की पालना करवाते हुए झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र में चुनाव करवाए जाएंगे।
कांग्रेस ने उतारा उम्मीदवार, भाजपा का तय नहीं
लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और झुंझुनूं विधायक बृजेंद्र ओला का चुनाव मैदान में उतार दिया है। लेकिन अभी तक भाजपा का चेहरा तय नहीं हुआ है। अब चुनावों की घोषणा के बाद संभावना है कि एक—दो दिन के अंदर अंदर हर हाल में भाजपा का प्रत्याशी तय हो जाएगा। क्योंकि नामांकन प्रक्रिया शुरू होने में महज चार दिन शेष है। लोकसभा की भाजपा की टिकट दौड़ में पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि, शिक्षाविद् बीएल रणवां, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया के बीच कड़ा मुकाबला है।
आचार संहिता की पालना करवाने के लिए टीमें एक्टिव, फाड़े पोस्टर

इधर, चुनावों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए काम शुरू हो गया है। झुंझुनूं शहर में आचार संहिता लगने के साथ ही टीमों ने शहर से राजनैतिक पोस्टर और होर्डिंग हटाने का काम शुरू कर दिया। जेसीबी की मदद से टीम ने शहर के मुख्य मार्गों से राजनीति से जुड़े लोगों को होर्डिंग और पोस्टर आदि उतरवाए। नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़ के निर्देश में शहर में अलग—अलग जगहों पर अलग—अलग टीमों ने आचार संहिता के मद्देनजर त्वरित तौर पर पोस्टर और होर्डिंग हटाने की कार्रवाई की। अब प्रशासन द्वारा तय जगहों पर ही परमिशन के साथ राजनैतिक पोस्टर और होर्डिंग लगाए जा सकेंगे। यदि इसकी पालना नहीं की गई तो कार्रवाई की जाएगी। जिले के अन्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में भी इस तरह की कार्रवाई देखने को मिली।
सर्वाधिक पांच बार चुनाव जीते है शीशराम ओला, इस बार उनके ही पुत्र को टिकट
झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र हरियाणा बॉर्डर से सटा हुआ हैं। झुंझुनूं लोकसभा सीट 1952 में अस्तित्व में आई। झुंझुनूं लोकसभा सीट में झुंझुनूं, मंडावा, फतेहपुर, नवलगढ़, उदयपुरवाटी, पिलानी, सूरजगढ़ और खेतड़ी विधानसभा है। इस सीट पर पहली बार राधेश्याम मोरारका सांसद निर्वाचित हुए। झुंझुनूं लोकसभा सीट से अब तक हुए 17 चुनावों में कांग्रेस का दबदबा रहा हैं। बीते दो चुनावों से इस सीट पर भाजपा का कब्ज़ा हैं। झुंझुनूं लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 5 बार शीशराम ओला सांसद निर्वाचित हुए। वे कांग्रेस, कांग्रेस सेक्यूलर और कांग्रेस तिवाड़ी की टिकटों पर विजयी हुए है। झुंझुनूं लोकसभा सीट पर 11 बार कांग्रेस विजयी रही। दो बार भाजपा, तीन बार जनता पार्टी एक बार स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार विजयी हुए। झुंझुनूं लोकसभा सीट से कांग्रेस से तीन बार राधेश्याम मोरारका, पांच बार शीशराम ओला, दो बार अयूब खान तथा एक बार शिवनाथ सिंह गिल विजयी हुए हैं। इस सीट पर स्वतंत्र पार्टी से आरके बिरला, जनता पार्टी से कन्हैयालाल, भीमसिंह और जगदीप धनखड़ विजयी हुए। श्री जगदीप धनखड़ फिलहाल देश के महामहिम उप राष्ट्रपति है। भाजपा से 2014 से संतोष अहलावत और 2019 में नरेन्द्र कुमार सांसद चुने गए।
आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं झुंझुनूं लोकसभा में, करीब 21 लाख वोट
झुंझुनूं लोकसभा में क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें झुंझुनूं, मंडावा, नवलगढ़, पिलानी, सूरजगढ़ झुंझुनूं जिले में आती है। जबकि खेतड़ी और उदयपुरवाटी विधानसभा सीटें नवगठित नीम का थाना जिले के अंतर्गत आती है। वहीं सीकर जिले की फतेहपुर विधानसभा को शामिल किया गया हैं। झुंझुनूं लोकसभा में कुल मतदाता करीब 20 लाख 83 हजार है। इनमें 11 लाख से ज्यादा पुरुष और 9 लाख 81 हजार से अधिक महिला मतदाता हैं। जबकि 15 ट्रांसजेंडर मतदाता भी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र कुमार ने कांग्रेस के श्रवण कुमार को 3,02,547 मतों से पराजित किया। भाजपा के नरेन्द्र कुमार को 738,163 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के नरेन्द्र कुमार को 4,35,616 जबकि नाटो पर 8,49 मत मिले। भाजपा को 61.57 प्रतिशत तथा कांग्रेस को 36.33 प्रतिशत मत मिले मतदान का 62.11प्रतिशत रहा। इससे पहले 2014 में भाजपा की संतोष अहलावत ने कांग्रेस की राजबाला ओला को चुनाव हराया था।