झुंझुनूं। लावरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर के 33वें वार्षिकोत्सव के शुभ अवसर पर श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में कथा के अंतिम दिवस शुक्रवार को व्यास पीठ से कथावाचक संतश्री हरिशरण महाराज ने कहा कि मित्रता करनी है तो भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा के चरित्र से सीखो। सीखा हुआ तो भूला जा सकता है, लेकिन चिंतन किया हुआ भूला नहीं जा सकता। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा के लिए जो मित्रता के भाव थे, उन्हें अपने जीवन में उतार लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मित्रता भक्ति का ही दूसरा रूप है। जो मित्र को धोखा देता है, वह सदैव नर्क गामी रहता है। इसलिए मित्रता में धोखा जैसा विश्वासघात न हो तो ही अच्छा है। मित्रता में विश्वासघात किया हुआ व्यक्ति कभी भी पूर्ण नहीं होता। भगवान श्री कृष्ण चारों धाम के मालिक थे। लेकिन उन्होंने कभी भी सुदामा को यह अहसास नहीं होने दिया कि वह परम ब्रह्म परमात्मा हैं। वह हमेशा मित्रता के भाव से सुदामा से बात करते थे। संत श्री हरि शरण जी महाराज ने भागवत का अंतिम श्लोक सुनाकर कथा को विश्राम दिया। महाराज श्री के भजन मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया। जो भी अपने पास है, वह धन किसी का है दिया। देने वाले ने दिया, वह भी दिया किस शान से। मेरा है यह लेने वाला, कह उठा अभिमान से, मैं मेरा यह कहने वाला, मन किसी का है दिया….. बहुत सराहा गया।
कथा का समापन आरती के साथ हुआ। तत्पश्चात प्रसाद भक्तों में वितरण किया गया। इससे पूर्व फूलों की होली खेली। जिसमें आयोजन मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित भक्तगण महिला एवं पुरुषों ने नाच कर गाकर खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर लावरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी इंद्रकुमार मोदी देहली, कृपाशंकर मोदी, रवि मोदी मुंबई, सुरेश पंसारी एवं परमेश्वर हलवाई झुंझुनूं, ओमप्रकाश तुलस्यान चैन्नई, राजकुमार अग्रवाल, राधेश्याम ढंढारिया एवं नरेश अग्रवाल, सुरेश बंसल, मुरारी बजाज, ओमप्रकाश सैनी जयपुर, महावीरप्रसाद गुप्ता, ऋषिकुमार तुलस्यान चैन्नई, गोपीराम मोदी, राजकुमार मोदी एवं संतकुमार मोदी मुंबई, विमल ढंढारिया, रमाकांत जालान, प्रदीप जालान सूरत, रामप्रसाद मोदी कानपुर, मंदिर ट्रस्ट कार्यकारिणी सदस्य अरुण कुमार जालान, संतकुमार ढंढारिया, इंद्रचंद्र तुलस्यान, शिक्षाविद् डॉ. दिलीप मोदी, रूपेश तुलस्यान, राजकुमार सिंघानिया, कैलाश अग्रवाल, पंकज जालान, डॉ. डीएन तुलस्यान, विनोद ढंढारिया, श्रीकांत पंसारी, नितिन नारनौली, राजकुमार सोनी, भवानी शंकर जगनानी, राकेश तुलस्यान, भरत कुमार तुलस्यान, रमाकांत हलवाई, श्रीगोपाल हलवाई, राजकुमार तुलस्यान एवं नारायण जालान सहित अन्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।