झुंझुनूं। खेतड़ी इलाके के खरकड़ा गांव की पहाड़ियों में अपनी सास व बेटे के साथ बकरियां चराने गई एक महिला पर पैंथर ने हमला कर दिया। महिला ने हो हल्ला किया और हाथों से उसे धक्का दिया तो पैंथर पहाड़ियों में भाग गया। हमले में महिला के दोनों हाथ जख्मी हो गए। उसे खेतड़ी के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
जानकारी के अनुसार खरकड़ा की कीरों की ढाणी निवासी सुमन मेहरा पत्नी विजयपाल अपनी सास कमली देवी पत्नी हनुमान व बेटे के साथ पहाड़ियों में बकरियां चराने गई थी। उसकी सास जलावन के लिए लकड़ियां एकत्रित कर रही थी और बेटा खेल रहा था। उसी दौरान शिलाटी मंदिर के पास अचानक पीछे से आए पैंथर ने उस पर हमला कर दिया। सुमन कुछ समझ पाती तब तक पैंथर ने उसे नीचे गिरा दिया, लेकिन सुमन ने हिम्मत नहीं हारी। उसने हो हल्ला मचाया और अपने दोनों हाथों से पूरी ताकत के साथ पैंथर को धक्का दिया तो वह पहाड़ियों में भाग गया। इस दौरान सास कमली देवी ने लकड़ियां व पत्थर फैंके तो पैंथर डरकर भाग गया।
सुमन के ससुर हनुमान ने बताया कि वे शाम करीब पांच बजे खरखड़ा की पहाड़ियों में बकरी चरा रही थी। उसके साथ उसका दो वर्ष का बेटा चेतन साथ भी था। इसी दौरान अचानक पीछे से आए पैंथर ने उन पर हमला कर दिया। इससे सुमन के दोनों हाथ लहूलुहान हो गए व पांव में भी खरोंच आई है। इस दौरान गनीमत यह रही की सुमन का बेटा बाल बाल बच गया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने सुमन को खेतड़ी के राजकीय उप जिला अस्पताल में पहुंचाया।
पूरे मामले की जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग के रेंजर विजय कुमार फगेड़िया को दी। उन्होंने तुरंत अस्पताल व मौके के लिए टीम रवाना कर दी है। रेंजर विजय फगेड़िया ने बताया कि लेपर्ड पहाड़ियों से होते हुए आवासीय क्षेत्र में आने की सूचना मिली है, जिसको ट्रैकुलाइज करने के लिए मौके पर डीएफओ बी एल नेहरा के निर्देशन में जयपुर से टीम बुलाई जा रही है।
ग्रामीणों में आक्रोश
घटना को लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ियों में पैंथरों के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध नहीं है। इसलिए वे भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्र की तरफ आ जाते हैं। कई बार ग्रामीणों की बकरियों का शिकार कर चुके हैं। अब तो पैंथर इंसानों पर भी हमले करने लगे हैं। ग्रामीणों ने पैंथरों के लिए पर्याप्त भोजन व पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है।