नवलगढ़। क्षेत्र के पुजारी की ढाणी ग्राम पंचायत की तन में इरणियों की ढाणी के खेत में सड़क किनारे बने खुले कुएं में मंगलवार रात्रि को एक सांड गिर गया। ढाणी के महेशसिंह चारण ने बताया कि दो सांड आपस में लड़ रहे थे। इसी दौरान एक सांड कुएं में गिर गया। सांड गिरने की ढाणी के सवाईसिंह लाइनमैन ने सबसे पहले पुजारी की ढाणी सरपंच, पटवारी व ग्रामसेवक को सूचना दी। इसके बाद रात्रि 9 बजे के बाद नवलगढ़ उपखंड अधिकारी जयसिंह को फोन पर सूचना दी। एसडीएम जयसिंह ने नवलगढ़ नगरपालिका ईओ रामरतन चौधरी को फोन करके सांड को निकलवाने के निर्देश दिए। ईओ ने पालिका के सफाई निरीक्षक ललित शर्मा को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। पालिका टीम ने इरणियों की ढाणी में संपर्क किया तो पता चला कि करीब 125 फीट गहरे इस कुएं में जहरीले जीव गोयरा रहते हैं।
लोगों ने टॉर्च की रोशनी में कुएं में झांक कर देखा तो सांड गर्दन के बल गिरा हुआ था और कोई हलचल भी नहीं कर रहा था। इसलिए सांड को रात की बजाय अगले दिन सुबह निकालने का निर्णय लिया गया। बुधवार सुबह नवलगढ़ नगरपालिका सफाई निरीक्षक ललित शर्मा, सुभाष सैनी सहित टीम मौके पर पहुंची। परसरामपुरा से कुएं में उतरने के लिए दो झींवर बुलाए। इसके बाद दो बोरिंग मशीन व गांव के अन्य ग्रामीणों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद दोपहर करीब 1 बजे सांड को बाहर निकाला गया। जो मृत अवस्था में था। सांड को बाहर निकालने में गौरक्षा टीम पुजारी की ढाणी, सवाईसिंह चारण, नारदूराम मांठ, जगदीशसिंह, नागरमल, कालूराम, कैलाश, मुखराम, सुनील, कमलेश, मोहन, रोहिताश, अनिल आदि का भी सहयोग रहा।
खुले पड़े कुओं में गिरने से बार-बार हो रहे हादसे, जिम्मेदार कौन
खुले पड़े कुओं व ट्यूबवैल के बोरिंग में गिरने से कभी छोटे बच्चों की, कभी बड़े व्यक्ति की तो कभी पशुओं के साथ बार-बार हो रहे हादसे और मौत के बाद भी ना तो आम नागरिक, ना ही प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी और ना ही जनप्रतिनिधि सबक लेने को तैयार हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि खेतों, घरों व सार्वजनिक स्थानों पर बने कुओं व ट्यूबवैल की सुरक्षा की जिम्मेदारी तय की जाए। जिस किसी के कुएं या बोरवैल में गिरने से हादसा हो उस पर जुर्माना लगाने व कानून के तहत सजा का प्रावधान होना चाहिए। अगर ऐसा होता तो शायद मंगलवार रात्रि को पुजारी की ढाणी ग्राम पंचायत की इरणियों की ढाणी में कुएं गिरने से सांड की मौत नहीं होती। नगपालिका टीम ने बताया कि यह कुआं बीलवा से इरणियों की ढाणी रोड से करीब 10-15 फीट अंदर गुलाबदान चारण के खेत में बना हुआ था। जो जमीन से महज 1 फीट भी ऊंचा नहीं था और खुला पड़ा था। इसी कारण सांड अंदर गिर गया।