झुंझुनूं। पीरू सिंह सर्किल के पास स्थित जगन्नाथपुरी में मंगलवार से नौ दिवसीय रामकथा शुरू हुई। मोरवाल परिवार की ओर से आयोजित कथा के पहले दिन बुद्धगिरि मढ़ी फतेहपुर के दिनेशगिरी महाराज ने कहा कि प्रेम, करूणा, भक्तिमय भावना, सदविचार मनुष्य के जीवन में आना श्रीरामजी का अवतार है। रामकथा के दूसरे दिन दिनेशगिरी महाराज ने कहा कि पारिवारिक, सामाजिक एवं धार्मिक मर्यादाओं की स्थापना ही रात अवतार का उद्देश्य है। प्रताप भानु राजा के उदाहरण से महाराज ने बताया कि तृष्णाएं ही मानव के पतन का कारण है। रावण ने मानवता को विनाश के लिए जन्म लिया था। पृथ्वी एवं गौमाता पर बढते पाप के कारण भगवान का अवतार आवश्यक था।

राजा के आख्यान से महाराज ने कहा कि गौमाता सृष्टि का आधार है। यदि गौमाता नहीं रही तो सृष्टि समाप्त हो जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति को देखना चाहिए कि उनके जीवन में राम है या रावण है। संतों के जीवन में सदाचरण के रूप में राम दिखाई देते है। जबकि दूराचारी व्यक्तियों के जीवन में रावण दिखता है। महाराज ने सरस एवं संगीतमय कथा से धर्मप्रेमियों को भाव विभोर कर दिया। इससे पहले भगवान राम के भाव में प्रवेश के लिए श्रद्धा और विश्वास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के युवा वर्ग की जीवन के प्रति दृष्टि नहीं है, बुजुर्गों में शांति नहीं है। यदि युवा पुरानी पीढ़ी के प्रति श्रद्धा व विश्वास रखे तो उनका जीवन व राष्ट्र उन्नत हो सकता है। कथा को दौरान उन्होंने संतों की महिमा भी बताई।
इसके अलावा भगवान शिव व सती का प्रसंग भी सुनाया। इस अवसर पर फतेहचंद, मोतीलाल, विनोद, महेंद्र, रतन, राजकुमार, प्रवीण, शशिकांत, दुर्गाप्रसाद, कैलाश, ओमप्रकाश मोरवाल, माणिकचंद घासोलिया, योगेश्री साध्वी, रामानंद पाठक, विनोद सिंघानिया, दिनेश अग्रवाल, विद्या अग्रवाल उपस्थित थे। कथा का आयोजन पीरूसिंह सर्किल के पास स्थित जगन्नाथपुरी में जगन्नाथ फतेहचंद मोरवाल परिवार की ओर से किया जा रहा है। 17 अप्रेल तक कथा चलेगी। हर दिन दोपहर तीन से शाम छह बजे तक कथा होती है।