झुंझुनूं। कांग्रेस के पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया अपने समर्थकों के साथ बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। जेपी चंदेलिया के अलावा पूर्व प्रधान कैलाश मेघवाल, रजेन्द्र भाम्बू और पार्टी से निष्कासित झुंझुनूं जिले के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं की भी घर वापसी हो गई है। जयपुर में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर आज पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और जॉइनिंग कमेटी के चेयरमैन अरुण चतुर्वेदी ने सभी को भगवा दुपट्टे ओढ़ा कर उनका पार्टी में स्वागत किया। इससे पहले 26 मार्च को शेखावाटी क्षेत्र के अन्य नेताओं के साथ कैलाश मेघवाल और राजेन्द्र भाम्बू अपने समर्थकों के साथ जयपुर पहुंचे थे, लेकिन पार्टी मुख्यालय पर काफी इंतजार के बाद भी उन्हें जॉइन नहीं करवाया गया था।

बाद में जॉइनिंग कमेटी चेयरमैन अरुण चतुर्वेदी ने मीडिया को जानकारी दी थी कि ये नेता बिना सूचना के पहुंचे थे। हालांकि बाद में विधानसभा चुनाव में फतेहपुर से पार्टी के प्रत्याशी रहे श्रवण चौधरी सहित अन्य नेताओं के विरोधाभासी बयान भी सामने आए थे। पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया के साथ पिलानी के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रहे राजकुमार फौजी, राजेन्द्र कोच, नगेंद्र बंटी नोवाल, पार्षद राजकुमार नायक, एडवोकेट पुनीत रूंथला, विकास जाखोदिया, चन्दन कुमावत, हवासिंह, रविन्द्र, सरिता, गोपीराम, डॉ. उल्लास चन्द्र, डॉ. सोमवीर, बनारसीलाल, सत्यनारायण, मनसुख लाल, पृथ्वी सिंह, सुरेश कुमार जांगड़ा, ब्रह्म पाल, डॉ. अशोक गोला आदि ने भाजपा की सदस्यता ली है। वहीं पूर्व प्रधान कैलाश मेघवाल के साथ पिलानी पंचायत समिति प्रधान बिरमा संदीप रायला, पिलानी के पूर्व पालिकाध्यक्ष विजय कुमार हलवाई, पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष शर्मा, युवा नेता महेन्द्र मोदी, नितिराज सिंह शेखावत आदि की घर वापसी हुई है।
कांग्रेस पर मुस्लिम समाज की अनदेखी का आरोप : पूर्व सभापति ने प्रदेशाध्यक्ष को भेजा इस्तीफा

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से टिकट वितरण में मुस्लिम समाज की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे है। पार्टी पदाधिकारियों के पद से इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव व झुंझुनूं नगरपरिषद के पूर्व सभापति खालिद हुसैन ने लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज की अनदेखी का आरोप लगाते हुए प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को इस्तीफा भेजकर पद छोड़ने की पेशकश की है। उन्होंने लिखा है कि राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की 130 सीटों में से एक भी टिकट मुस्लिम समाज को नहीं दी गई। इससे मुस्लिम समाज के सामने एक प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है, सिर्फ और सिर्फ वोट लेना चाहती है, लेकिन लोकसभा में प्रतिनिधित्व नहींं देना चाहती। कांग्रेस के इस फैसले से मुसलमानों में जबरदस्त आक्रोश है।