झुंझुनूं । शहर के मंडावा मोड पर सड़क किनारे मिट्टी के बुलबुले उठने के कई कारण सामने आए हैं। इनमें एक बड़ा कारण जिस जगह मिट्टी के बुलबुले उठे थे, उससे कुछ दूरी से गुजर रही पाइप लाइन में रिसाव को माना गया है। वहां का भूजल स्तर भी पिछले सात साल में 10 से 11 मीटर कम हुआ है। भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की टीम ने अपनी 15 पेज की जांच रिपोर्ट में यह बात कही है।
दरअसल झुंझुनूं में सात से नौ मई तक लगातार मिट्टी के बुलबुले उठे तो लोग सहम से गए थे। इसे बीकानेर जैसी घटना को जोड़कर देख रहे थे। इसके वीडियो भी तेजी से वायरल हुए थे। इस पर मामले की जांच के लिए टीम 11 मई को झुंझुनूं आई थी। अब निदेशक एम. श्याम कुमार सिंह, निदेशक पवन कुमार व रसायनज्ञ मोहित ने रिपोर्ट प्रशासन व अपर महानिदेशक एवं विभागाध्यक्ष भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण पश्चिमी क्षेत्र जयपुर को सौंप दी है।
यह आया जांच में सामने
जांच में सामने आया कि जहां बुलबुले उठे वहां पिछले सात साल में 10 से 11 मीटर भूजल स्तर कम हुआ है। रिपोर्ट में बताया कि बुलबुलों में कोई खतरनाक गैस नहीं मिली है। इसलिए डरने जैसी कोई बात नहीं है। रिपोर्ट में लिखा है इस घटना का शायद ही कोई भू वैज्ञानिक संबंध हो। मिट्टी का पीएच 7.5 मिला है। वहां पास ही पाइप लाइन गुजर रही है। जहां बुलबुला उठा वहां से लगभग चार मीटर की दूरी पर जमीन से दो मीटर नीचे 300 एमएम व्यास वाली पाइप लाइन गुजर रही है। पाइप में छोटी दरार व छिद्र होने से पानी का रिसाव होता है। जल आपूर्ति से ठीक पहले पानी के साथ हवा का रिसाव हो सकता है। पानी सतह के वाष्पीकरण के साथ-साथ मोटे एओलियन रेत स्तभ के भीतर अवशोषित हो सकते हैं। इस कारण बुलबुले उठ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि यह बुलबुले पानी के नहीं, बल्कि सूखी मिट्टी के थे।