नवलगढ़। शहर व आस—पास के ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार दोपहर ढाई बजे बाद अचानक मौसम ने करवट ली और तेज अंधड़ व साथ आई बरसात ने क्षेत्र में भारी नुकसान तो पहुंचाया ही। साथ ही सरकारी महकमों की पोल खोलकर रख दी। जहां ग्रामीण क्षेत्र में कई जगह पेड़ उखड़ जाने से रास्ते बंद हो गए व टीन शैड से बनी छतें उड़ गई। इससे भी खराब स्थिति नवलगढ़ शहर में देखने को मिली। नगरपालिका से घूमचक्कर रोड पर कुछ महीनों पहले रोड के डिवाइडर पर लगाई गई स्ट्रीट लाइट धराशायी हो गई। चूणा चौक में सूखे पड़े पीपल के पेड़ बड़ा हिस्सा टूटकर बिजली के तारों पर गिर गया। 14 पैंड पर नीम के पड़ की बड़ी शाखा टूटकर बिजली के तारों पर गिर गई। मुख्य बाजार गणेशजी मंदिर के पास पोल टूट गया। सूर्य मंडल टैगोर स्मृति भवन का दशकों पुराना टीन शैड उड़ गया। सिनेमा हॉल के पास एटीएम केबिन की छत पर लगा बड़ा होर्डिंग धराशायी हो गया। इसके अलावा भी शहर के अनेक इलाकों में नुकसान हुआ। लेकिन नगरपालिका व बिजली विभाग सहित प्रशासनिक अमला देर शाम तक व्यवस्थाएं सुचारू करने के लिए जूझता रहा। 20 मिनट की बरसात से ही बकरा मंडी चौक व इस चौक से जुड़े रास्ते तालाब में तब्दील हो गए।
जमीन पर रखे पुराने फाउंडेशन के मलबे पर लगे स्ट्रीट लाइन पोल हुए धराशायी
शुक्रवार दोपहर को आए अंधड़ व बरसात के कारण नगरपालिका कार्यालय से घूमचक्कर सर्किल के बीच रोड के डिवाइड पर लगी 4 स्ट्रीट लाइटें उखड़ कर धराशायी हो गई। दरअसल शहर की इस प्रमुख मार्ग पर लगी सैंकड़ों स्ट्रीट लाइट बिना फाउंडेशन के ही रखी हुई हैं। कुछ महीनों पहले प्रति लाइट लाखों रुपए खर्च कर नगरपालिका द्वारा लगवाई गई यह लाइटें पुरानी स्ट्रीट लाइटों को हटाकर लगाई गई थी। लेकिन ठेकेदार ने नगरपालिका द्वारा चिह्नित किए गए स्थानों पर पुरानी लाइटों के फाउंडेशन उखाड़कर जमीन पर रख दिए और इसी मलबे पर नई लाइटों के पोल लगा दिए। इसे ठेकेदार द्वारा ईजाद की गई नई तकनीकी कहें या कुछ और, यह तो नगरपालिका प्रशासन ही बता सकता है। लेकिन शहर के सौंदर्यकरण के लिए लगाई गई लाइटें किसी भी समय इस रोड से गुजर रहे किसी भी राहगीर की मौत का कारण बन सकती हैं। क्योंकि 4 लाइट का गिरना तो शुरूआत भर है। लाइट लगाने वाले ठेकेदार ने किसी भी पोल का फाउंडेशन नहीं भरा। इस कारण किसी भी समय कोई भी लाइट भारी भरकम पोल सहित गिर सकती है।
आंधी के झोंके से गिरे स्ट्रीट लाइट पोल
नगरपालिका की ओर से कुछ माह पूर्व तत्कालीन ईओ अनिल चौधरी ने ऐसी स्ट्रीट लाइट लगाई कि आंधी के झोंके के साथ ही तीन चार पोल पिलर सहित गिर गए। जिससे लाखों रुपए का नुकसान तो हुआ ही है। मगर इस में कितना भ्रष्टाचार हुआ है। यह भी सामने आ गया। क्योंकि पहली आंधी में यह पोल गिर गए। इससे अनुमान लगाया जा सकता है अगर कोई जान हानि हो जाती तो उसका जिम्मेदारी कौन लेता। अब इस की जांच उपखण्ड अधिकारी को करवानी चाहिए।