Monday, May 12, 2025
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नफरतों के बीच अल्पसंख्यक समुदाय का युवा डॉ. जुल्फिकार दे रहा है प्रेम और भाईचारे का संदेश

झुंझुनूं। युवाओं के आदर्श कहे जाने वाले स्वामी विवेकानंद के विचारों से मुस्लिम युवा डॉ. जुल्फिकार इस तरह प्रभावित है कि उसने पिछले चार साल से एक बड़ा लक्ष्य रखते हुए प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद की पुस्तकें व कैलेंडर निशुल्क वितरण करने का महाअभियान चला रखा है। इस महाअभियान के तहत प्रदेश की स्कूलों, कॉलेजों, शहरों व गांवों-ढाणियों में जाकर स्वामी विवेकानंद कैलेंडर और उनके विचारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

अब तक पिछले 4 सालों में इस अल्पसंख्यक युवा ने दिल्ली, अलवर, जयपुर, सीकर, चुरु, बीकानेर, हनुमानगढ़ सहित झुंझुनूं जिले के राजकीय-गैर राजकीय विधालयों, वेद विद्यालयों, मदरसों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ जिले के आस-पास के क्षेत्र व गांवों में खेतड़ी, खेतड़ी नगर, कोलिहान नगर, सिंघाना, भीमसर, नूआं, आबूसर, अणगासर, सिरियासर, चुड़ैला, कोलिंडा, चैनपुरा, लादूसर, धंधूरी, क्यामसर, अलसीसर, मलसीसर, जाबासर व टमकोर सहित 35 गांवों में 40 हजार कैलेंडर निशुल्क वितरित कर चुके हैं और आगे भी एक लाख युवाओं तक स्वामीजी के संदेश को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

डॉ. जुल्फिकार मुस्लिम धर्म होने के बावजूद भी देश-विदेश में स्थित स्वामी विवेकानंद से जुड़े रामकृष्ण मठ व मिशन संस्थाओं में रहकर स्वामी विवेकानंद की जीवनी और उनके विचारों पर अध्ययन किया। अब जुल्फिकार का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि वह स्वामी विवेकानंद के विचारों को ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचा सकें। उन्होंने बताया कि उनके पिता खेतड़ी एचसीएल में कार्य करते थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई खेतड़ी से ही हुई है। वह अपने स्कूली दिनों से ही रामकृष्ण मिशन से जुड़े। रामकृष्ण मिशन के जो भी कार्यक्रम स्कूली समय के दौरान आयोजित होते थे। उन सभी में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

खेतड़ी में पढ़ाई करने के दौरान और रामकृष्ण मिशन से जुड़े होने की वजह से उन्होंने स्वामी विवेकानंद पर कुछ अलग करने की सोची। इसी को लक्ष्य बनाते हुए जुल्फिकार ने स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी की हैं और देश-विदेश में 50 से अधिक रामकृष्ण मठ व मिशन संस्थाओं का भ्रमण कर विवेकानंद के बारे में जाना हैं। उन्होंने सिंगापुर, श्रीलंका, बांग्लादेश के मठों में भी स्वामी विवेकानंद के बारे में अध्ययन किया। जुल्फिकर ने बताया कि वह अभी तक स्वामी विवेकानंद पर पांच किताबें लिख चुके हैं। जिनमे रामकृष्ण मठ एव रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद चिंतन एवं रामकृष्ण मिशन खेतड़ी, राजस्थान में स्वामी विवेकानंद, बांग्लादेश ढाका का अध्ययन और स्वामी विवेकानंद की प्रेरक घटनाएं।

आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेशकुमार भी कर चुके हैं प्रशंसा

इंद्रेशकुमार, वरिष्ठ प्रचारक आरएसएस

डॉ. जुल्फिकार के द्वारा स्वामी विवेकानंद पुस्तकें और कैलेंडरों के माध्यम से स्वामीजी के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने का बहुत ही नेक काम किया जा रहा है और आगे भी आप हर काम में ऐसे ही उत्कृष्टता प्राप्त करें।
– डॉ. इंन्द्रेश कुमार, वरिष्ठ प्रचारक, आरएसएस

बहुत ही सराहनीय काम कर रहे हैं डॉ. जुल्फिकार : स्वामी आत्मानिष्ठानंद

स्वामी आत्मानिष्ठानंद जी खेतड़ी

उनके द्वारा देश-विदेश में स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है। अब युवाओं तक स्वामीजी के विचार पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
– स्वामी आत्मानिष्ठानन्द महाराज, सचिव रामकृष्ण मिशन, खेतड़ी

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