झुंझुनूं। लावरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर के 33वें वार्षिकोत्सव के शुभ अवसर पर श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में व्यास पीठ से कथा के तीसरे दिवस सोमवार को विश्वविख्यात श्रद्धेय संतश्री हरिशरण महाराज ने कहा कि जितना भक्त भगवान के बिना अधूरा है। उतना ही अधूरा भगवान भी भक्त के बिना है।
भगवान ज्ञानी को नहीं अपितु भक्त को दर्शन देते हैं और सच्चे मन से ही भगवान प्राप्त होता है। भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते थे। उनके पिता हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानते थे। पुत्र को भगवान विष्णु की भक्ति करते देख उन्होंने उसे ही जान से मारने की ठान ली। प्रभु पर सच्ची निष्ठा और आस्था की वजह से हिरण्यकश्यप प्रहलाद का कुछ भी अनिष्ट नहीं कर पाए। महाराजश्री ने वामन अवतार कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ तथा अहंकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह भी बताया कि यह धन संपदा क्षणभंगुर होती है।
इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। उन्होंने कहा कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईर्ष्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। महाराजश्री के संगीत मय भजनों पर न केवल महिला भक्त अपितु पुरुष एवं बच्चे भी अपने आप को नाचने से रोक नहीं सके। इस अवसर पर लावरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी इंद्रकुमार मोदी देहली, कृपाशंकर मोदी मुंबई, सुरेश पंसारी एवं परमेश्वर हलवाई झुंझुनूं, ओमप्रकाश तुलस्यान चैन्नई, राजकुमार अग्रवाल, राधेश्याम ढंढारिया, नवीन अग्रवाल जयपुर, महावीरप्रसाद गुप्ता, ऋषि कुमार तुलस्यान चैन्नई, गोपीराम मोदी, राजकुमार मोदी एवं संतकुमार मोदी मुंबई, विमल ढंढारिया सूरत, रामप्रसाद मोदी कानपुर, मंदिर ट्रस्ट कार्यकारिणी सदस्य अरुण कुमार जालान, संतकुमार ढंढारिया, इंद्रचंद्र तुलस्यान, ताराचंद गुप्ता भोड़कीवाला, सुभाष क्यामसरिया, कैलाश अग्रवाल, पंकज जालान, डॉ. डीएन तुलस्यान, विनोद ढंढारिया, श्रीकांत पंसारी, रूपेश तुलस्यान, नितिन नारनौली, राजकुमार सोनी, भवानीशंकर जगनानी, डॉ. एसएन शुक्ला, राकेश तुलस्यान, अजीत राणासरिया, रमाकांत हलवाई, श्रीगोपाल हलवाई, शिवप्रकाश शर्मा, बजरंगलाल बड़ागांववाला एवं राजेंद्र भोड़कीवाला सहित अन्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कथा के पश्चात आरती हुई एवं सभी श्रद्धालु भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। मंगलवार को कथा में श्रीराम अवतार एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव (नंदोत्सव) की कथा का वाचन महाराज श्री करेंगे।