सूरजगढ़। कस्बे के एक युवक ने आरएसआरडीसी में टोल टेंडर के नाम पर 30 लाख रूपए की ठगी की वारदात को अंजाम दे दिया। ठगी की वारदात में आरोपी ने ना केवल सीनियर आरएएस निमिषा गुप्ता के फर्जी डिजीटल साइन तक काम लिए। बल्कि निमिषा गुप्ता के साथ एक फर्जी नंबर से व्हाट्स एप चेट, आरएसआरडीसी के नकली लेटर तक काम लिए। इसके अलावा आरएसआरडीसी से मिलती जुलती मेल आईडी तक बनाई और धोखाधड़ी दी। इस मामले में अब सूरजगढ़ थाने में मामला दर्ज हो गया है। पुलिस जांच कर रही है।
पीड़ित प्रतुल गुप्ता ने बताया कि उसकी सूरजगढ़ में एक दवा की दुकान है। जहां पर कस्बे का ही अशोक थालौर अपने निजी अस्पताल के लिए दवा ले जाता था। जिससे उसकी जान पहचान हो गई। इसी दरमियान अक्टूबर 2023 में अशोक थालौर ने उसे बताया कि उसकी एक फर्म है। जिसके नाम से आरएसआरडीसी की सीकर—झुंझुनूं रोड के टोल टैक्स का टेंडर निकला है। जिसमें अच्छी कमाई और उसने प्रतुल को पार्टनर बना लिया। उसने करीब तीन महीने में प्रतुल से किश्तों में 26 लाख रूपए लिए। लेकिन जब प्रतुल ने कहा कि टोल कब शुरू होगा। तो बहाने बनाता रहा। जब प्रतुल को शक हुआ तो वह खुद आरएसआरडीसी के कार्यालय में जयपुर पहुंच गया। जहां पर सबकुछ नकली मिला।
प्रतुल ने बताया कि इसके बाद जब वह अशोक के घर गया तो उसके पिता ओमप्रकाश और पत्नी ने कहा कि उनकी बहुत उंची पहुंच है। वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। पैसे वापिस नहीं मिलेंगे। प्रतुल ने बताया कि अशोक के पिता ओमप्रकाश रिटायर्ड टीचर है तो वहीं पत्नी चिकित्सा विभाग में नर्स है। इस ठगी में आरोपी ने सीनियर आरएएस निमिषा गुप्ता के डिजीटल हस्ताक्षरों का कूटरचित तरीके से दुरूपयोग किया। उसमें उसकी पत्नी का सहयोग रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।