झुंझुनूं। शहर में झुग्गी झोपड़ी के बच्चों के साथ एवं चिड़ावा में रोटी डे मनाकर एक बार फिर टीम झुंझुनूं पहुंची। झुग्गी झोपड़ी के बच्चों को अच्छा खाना खिलाकर रोटी डे मनाया। महेश जसरापुर एवं डॉ. सुरेश शिला ने बताया कि जो बच्चे होटल के आगे हाथ फैलाकर खाना मांगते रहते हैं। उनके मन में जिज्ञासा रहती है कि ये लोग इतने सुंदर होटल में कैसा खाना खाते होंगे। अंदर क्या क्या होता होगा। काश हम भी ऐसे होटल में बैठकर शाही अंदाज में खाना खाएं। ये झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले हर बच्चे का सपना होता है। ऐसे सपनों को हमारी टीम ने झुंझुनूं के नामचीन रोज वुड रेस्टोरेंट में खाना खिलाकर पूरा किया है। साथ ही उन बच्चों में शिक्षा की अलख जगाई है।
अजय वर्मा एवं ओमप्रकाश भूरिया ने बताया कि फरवरी माह में युवा रोज डे, वेलेंटाइन डे मनाते हैं। लेकिन आज नेक सोच रखने वाले युवाओं ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के साथ रोटी डे मनाया। रोटी डे का मुख्य उद्देश्य इन बच्चों को ये आभास करवाना था कि इतने अच्छे होटल में खाना खाकर बच्चों को अच्छा लगे। वो भी पढ़ लिखकर कुछ अच्छा करें। झुंझुनूं जिले के युवाओं ने वाट्सअप पर मुहिम चलाकर लोगों को प्रेरित करके आर्थिक सहयोग लिया।
झुंझुनूं के 50 बच्चों को एवं चिड़ावा में 53 बच्चों के साथ रोटी डे मनाकर टीम ने रविवार को झुंझुनूं के रोज वुड रेस्टोरेंट में 75 बच्चों को अच्छा खाना खिलाया। पढ़ने के लिए कॉपी, पेंसिल एवं चप्पल वितरित की। साथ ही डॉ. संदीप प्रेमी ने बताया कि शिक्षा ही एक मात्र हथियार है। जिससे हम अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम अच्छे से पढते है तो अपना जीवन भी अच्छे से जी सकते हैं। अपने सपने पूरे कर सकते हैं। इसलिए वर्तमान समय में शिक्षा की महत्ती जरूरत है। शिक्षा हमारा सर्वांगीण विकास करती है। इसी प्रकार सभी सदस्यों ने भी बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने गानों की धुन पर खूब डांस किया। इस दौरान सीताराम बास बुडाना, विकास आल्हा, मदनलाल गुडेसर, इंद्राज सिंह भूरिया, राजेश गोठवाल, सुनिल सिरोवा, रतन सिंह, आकाश मणकस, रोहिताश मणकस, सुनिल भदौरिया, ललिता भदौरिया सहित सर्व समाज के सामाजिक कार्यकर्ता सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।