Wednesday, February 12, 2025
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झुंझुनूं शहर में रोड नंबर एक पर मचा हड़कंप, नगर परिषद की टीम ने हटाए अस्थायी अतिक्रमण

झुंझुनूं। शहर के रोड नंबर एक पर शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया। जब नगर परिषद की टीम ने अचानक से ही अस्थायी अतिक्रमणों पर कार्रवाई शुरू की। दरअसल मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक राजीव जानूं और लेखाधिकारी जयप्रकाश लमोरिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य निरीक्षण अली हसन तथा नीरजा चाहर समेत अन्य कार्मिकों के साथ टीम जिला परिषद सर्किल के पास पहुंची। जहां से जेपी जानूं स्कूल तक सड़कों पर सामान रखकर किए गए अतिक्रमणों को हटाया। इस दौरान नगर परिषद की टीम ने छह ट्रॉली के करीब सामान को जब्त किया। इनमें आधा दर्जन रेहड़ियां भी शामिल थी। जो गलत तरीके से सड़क पर खड़ी थी।

इसके अलावा दुकानदारों ने पत्थर लगाकर, लकड़ी लगाकर या फिर अपने साइन बोर्ड लगाकर भी अतिक्रमण किया हुआ था। जो भी जब्त किए गए। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक राजीव जानूं ने बताया कि न्याय मित्र केके गुप्ता तथा आयुक्त दलीप पूनियां के निर्देश पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई शुरू होते हुए सूचना अन्य अतिक्रमियों को मिल गई। जिसके चलते कई ने अपना सामान हटा लिया। लेकिन जानूं ने कहा है कि यह कार्रवाई नियमित जारी रहेगी। यदि बार—बार समझाइश के बाद भी व्यापारी नहीं माने तो कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

बार-बार नोटिस देने पर भी जगह खाली नहीं की तो रोडवेज बस डिपो से हटाई कॉफी शॉप

रोडवेज डिपो से अस्थाई दुकान को हटाते हुए।

झुंझुनूं। रोडवेज बस डिपो पर शुक्रवार को जेसीबी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। दरअसल रोडवेज ने कुछ साल पहले सुदेश नाम के व्यक्ति को कॉफी शॉप के लिए किराए पर जगह दी थी। लेकिन जब पिछले साल रोडवेज बस स्टैंड का रिनोवेशन कार्य होना था तो इस कॉफी शॉप समेत अन्य दुकान रूकावट डाल रही थी। जिनमें छोटी दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। वहीं सभी को समझाइश की गई। लेकिन तब भी कॉफी शॉप मालिक नहीं माना और वह हाईकोर्ट चला गया। जहां उसे स्टे मिल गया। लेकिन रोडवेज ने हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ी और कोर्ट ने रोडवेज के पक्ष में फैसला दे दिया।

चार दिसंबर 2023 को हट स्टे के बाद फिर से कॉफी शॉप मालिक को दो—तीन बार नोटिस देकर दुकान हटाने का निवेदन किया गया। लेकिन कॉफी शॉप दुकान ना हटाने पर अड़ा रहा। जिसके बाद शुक्रवार को जिला कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम कविता गोदारा को मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त कर इस दुकान को हटाया गया। बताया जा रहा है कि दुकान मालिक पर करीब दो लाख रूपए का किराया भी बकाया है। जिसके लिए भी रोडवेज लगातार नोटिस दे रहा था। लेकिन यह पैसा भी अब तक जमा नहीं करवाया गया है।