झुंझुनूं । शहर में रोड नंबर एक पर मंगलवार दोपहर को करंट लगने से एक गधे की मौत हो गई। जबकि गधागाड़ी चला रहे युवक ने कूदकर अपनी जान बचाई। घटना के बाद लोगों में बिजली विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया। उन्होंने वहां जमा होकर बिजली निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। घटना की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी वहां पहुंच गए। इस दौरान मौके पर पहुंचे बिजली निगम के एक्सईएन से भी उनकी बहस हो गई। निगम अधिकारियों का कहना था कि ट्रांसफार्मर से जा रहे मोबाइल टावर की केबल में कट होने के कारण पानी में करंट दौड़ा, जबकि गुढ़ा ने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण झुंझुनूं में आए दिन हादसे हो रहे हैं। सूचना के बाद एसडीएम सुमन सोनल, सीओ सिटी वीरेंद्र कुमार शर्मा, कोतवाली थानाधिकारी पवन कुमार चौबे मय पुलिस बल के पहुंचे। काफी देर की समझाइश के बाद गधागाड़ी मालिक को टावर कंपनी की ओर से 50 हजार रुपए देने पर सहमति बनी।
यह बताया कारण: विद्युत निगम के एसई महेश टीबड़ा ने बताया कि निजी मोबाइल कंपनी के टावर की केबल जमीन के अंदर थी और गाड़ियों के आने-जाने से उसमें कट लग जाने से बरसात के पानी में करंट दौड़ गया।
घंटों बंद रही बिजली, जाम रहा ट्रैफिक : लोग होते रहे परेशान
हादसे के बाद बिजली निगम ने आस-पास के इलाकों की बिजली बंद कर दी। दोपहर एक बजे बंद हुई बिजली शाम छह बजे तक भी नहीं आई। इससे उमस के कारण लोग बेहाल हो गए। पसीने तरबतर लोग घर और दुकानों से बाहर आ गए और बिजली निगम को कोसने लगे। उधर प्रदर्शन के चलते रोड नम्बर एक पर जाम लगने लग गया। इससे वाहन चालक भी परेशान हुए।
ना बिजली निगम गलती मान रहा, ना मोबाइल टावर कंपनी
करंट से हुए हादसे की जिम्मेदारी ना बिजली निगम ने ली और ना ही टावर कंपनी ने ली है। हालांकि टॉवर कंपनी के प्रतिनिधियों की ओर से गधागाड़ी मालिक को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की हामी भरी गई है। मामले में विद्युत निगम का कहना है कि ट्रांसफार्मर के पास में ही सड़क के बीच डिवाइडर पर लगे मोबाइल टावर में बिजली का कनेक्शन है और इसका मीटर भी ट्रांसफार्मर के पास लगा हुआ था। ट्रांसफार्मर के पास से गुजर रही केबल कटी हुई थी और उसके तार निकले हुए थे। इस कारण पानी में करंट दौड़ा है।