झुंझुनूं । जिला मुख्यालय के नजदीक बीड़ क्षेत्र में भरने वाले गंदे पानी के निस्तारण के संबंध में जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने कुछ दिनों पहले बीड़ क्षेत्र का निरीक्षण कर इसके स्थाई समाधान के संकेत देते हुए और जल भराव की समस्या के समाधान के लिए एक्सपर्ट से सर्वे के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को उसी संबंध में जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल के निर्देशानुसार बिट्स पिलानी की टीम ने बीड़ क्षेत्र का दौरा किया। शहर के गंदे पानी के स्थाई समाधान के लिए बिट्स पिलानी के प्रोफेसर डॉ. अनुपम सिंघल व डॉ.आर श्रीनिवास की टीम ने बीड़ क्षेत्र में गंदे पानी के भराव क्षेत्र व एसटीपी प्लांट का निरीक्षण किया। डॉ. अनुपम सिंघल ने बताया कि ट्रीटमेंट के बाद यह पानी वन क्षेत्र व आसपास के गांवों में सिंचाई के उपयोग में लाया जा सकता है। इस दौरान सूरजगढ़ एसडीएम दयानंद रूयल, डीएफओ बीएल नेहरा, नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़, सहायक अभियंता लोकेश भी मौजूद रहे।
झुंझुनूं में आमजन की सेहत से हो रहा खिलवाड़, मसाले, पनीर और मावे के सैम्पल अनसेफ
झुंझुनूं में मिलावटखोर आमजन की सेहत के साथ किस तरह खिलवाड़ कर रहे हैं। इसका अंदाजा आप स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की गई कार्रवाइयों के बाद आई सैम्पलों की रिपोर्ट से लगा सकते हैं। झुंझुनूं में बीते एक साल में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अभियान के तहत 673 संस्थानों का निरीक्षण कर अब तक 1685 सैम्पल लिए हैं। जिनमें से 162 सैम्पलों मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इनमें मावा, पनीर, मसाले के सैंपल अनसेफ हैं। सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने बताया कि टीम ने 673 निरीक्षण के दौरान कार्रवाई करते हुए एक्ट के तहत 814 सैम्पल लिए तथा सर्विलेंस के तहत 471 सैम्पल लिए।
सैम्पलों की आई रिपोर्ट में 123 सैम्पल सब स्टेंडर्ड तथा 32 सैम्पल मिसमैच और 7 सैम्पल अनसेफ सहित रिपोर्ट में कुल 162 सैम्पल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडीएम कोर्ट में 128 प्रकरण पेश किए गए हैं। जिनमें 74 प्रकरण का निस्तारण करते हुए 9 लाख 82 हजार 300 रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं। जल्द ही पेंडिंग 54 प्रकरणों का भी निस्तारण करवाया जाएगा। सीएमएचओं ने बताया कि 7 सैम्पल अनसेफ मिले हैं। जिनमें 4 प्रकरण का चालान पेश किया गया हैं। जबकि 3 सैम्पल दुबारा जांच के लिए भेजे गए हैं।