झुंझुनूं। मंगलवार को राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएसन ने पूरे जिलेभर में पांच सूत्री मांगों को लेकर झुंझुनूं शहर, झुंझुनूं ग्रामीण, सुलताना, चनाना, पिलानी, बुहाना, मुकुंदगढ़, नवलगढ़, नवलगढ ग्रामीण, बिसाऊ, बगड़ सहित सभी सहायक अभियंताओ को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष विकास झाझड़िया व जिला महामंत्री आशीष पचार ने बताया कि जिलेभर में सौ से अधिक तकनीकी कार्मिकों को ऑफिस में गैर तकनीकी कार्य मे लगाकर सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता द्वारा अपने निजी फायदे के लिए कार्य लिया जा रहा है जब कि फील्ड में वर्क का लोड बढ़ता जा रहा है और आमजन की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। जिससे निगम की छवि धुमिल हो रही है और जिम्मेदार अधिकारी आखें मूंद कर बैठे हैं। जिससे कर्मचारी वर्ग में गहरा रोष है। संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि अधीक्षण अभियंता से तकनीकी कर्मचारियों के हादसे से संबंधित वार्ता में अवगत करवाया गया था कि हादसे का मूल कारण तकनीकी कार्मिकों के फील्ड में निश्चित कार्य भार से अधिक कार्य भार का आवंटन किया गया है। जबकि प्रत्येक कार्मिक को 750 उपभोक्ता का कार्य भार ही दिया जा सकता है। जबकि जिलेभर में तकनीकी कर्मचारियों को फीडर इंचार्ज के नाम से एक हजार से दो हजार तक उपभोक्ता का कार्यभार निगम नियमों के विरुद्ध दे रखा है और पर्याप्त कर्मचारी होने के बाद भी सहायक अभियंताओं द्वारा तकनीकी कर्मचारियों को ऑफिस में बाबूओं की जगह काम में लिया जा रहा है। जो कि निगम नियमों के विरुद्ध है और बार बार तकनीकी कार्मिकों द्वारा लिखित में आवेदन देने के बाद भी कोइ कार्यवाही नहीं की जा रही है।
संगठन ने आज अधीक्षण अभियंता के पत्र क्रमांक 865 दिनांक 11 जून 2024 राजकाज नंबर 7953247 के तहत आदेश दिए गए थे कि राज्य सरकार और निगम का आदेश है कि किसी भी तकनीकी कार्मिक को ऑफिस कार्य में नहीं लिया जा सकता है। यदि कार्मिक ऑफिस का कार्य कर रहे हैं। तो भी उनको हटाकर तीन दिवस में रिपोर्ट करने को कहा गया था। परंतु आज दिनांक तक एक भी कार्मिक को उसका मूल कार्य नहीं दिया गया है। जिससे ज्ञात होता है कि सहायक अभियंता और निगम प्रशासन उच्चाधिकारियों के आदेशों के प्रति गंभीर नहीं है। संगठन ने मांग कि है कि सभी तकनीकी कार्मिकों को गैर तकनीकी कार्य से हटाकर मूल कार्य दिया जाएं और फील्ड में कार्यरत तकनीकी कार्मिकों का कार्य भार कम किया जाए। जिससे वह बिना कार्य के दबाव के कार्य कर सके और विद्युत दुर्घटना से बचा जा सके। 33 केवी जीएसएस, जिनका ठेका दिया गया है। उन पर अप्रशिक्षित कार्मिक कार्य कर रहे हैं। उनको हटाया जाए और निगम के टेंडर के अनुसार प्रशिक्षित तीन कार्मिकों को शिफ्ट ड्यूटी के तहत ही कार्य लिया जाए और संगठन को पिछले छह माह के किए गए अवलोकन की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाई जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में बिल वितरण का इंसेटिव जो बिना आदेशों के बंद कर दिया गया है। उसको तुरंत प्रभाव से चालू किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में लगी एफआरटी में निगम नियमों के अनुसार ही कार्मिक लगाए जाए और आम उपभोक्ता की शिकायत का निवारण तय समय में किया जाए।
संगठन ने चेताया है कि एक सप्ताह में उक्त मांगों का निवारण नहीं किया जाता है तो अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा और फिर कार्य बहिष्कार किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी निगम प्रशासन की होगी। इस अवसर पर झुंझुनूं शहर में अरविंद मीणा, अशोक तेतरा, सुनील डूडी, सुरेंद्र, चंद्रकांत पारिक, शीशराम, राजकुमार के नेतृत्व में और झुंझुनूं ग्रामीण में सुमेर, राकेश, राजवीर, दिनेश, शफीक, सुरेश, कुलदीप महला, परमेंद्र, सुलताना में विकास झाझड़िया, जगदीप लांबा, वीरेंद्र पचार, बगड़ में सुरेश लमोरिया, पिलानी में राकेश दादरवाल, बिसाऊ में सुबोध महरिया, नवलगढ़ में सत्यवान दूत, नवलगढ़ ग्रामीण में श्यामसुंदर, मुकुंदगढ़ में मनोहर गुर्जर, सुनील मूंड, चनाना में विक्रम कुमावत, सुनील बुहाना में राकेश शर्मा आदि के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपे गए।