झुंझुनूं। विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा तनाव रहित होकर दे सकें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल की है। जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल के मार्गनिर्देशन में शिक्षा विभाग ने तय किया है कि बोर्ड की मुख्य परीक्षा से पहले प्री बोर्ड एग्जाम करवाएं जाएंगे, ताकि विद्यार्थी को मुख्य परीक्षा का अभ्यास हो सके और उसे उसकी कमजोरी का पता चल सके। समय रहते शिक्षक बच्चे की उस कमजोरी को दूर करेंगे। इससे जिले का बोर्ड परिणाम में अप्रत्याशित सुधार हो सकेगा।
यह निर्णय कलेक्टर द्वारा ली गई शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में लिया गया। बैठक में जिले में शिक्षा के स्तर को और मजबूत करने, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं आगामी बोर्ड एग्जाम्स को लेकर चर्चा की गई। पूर्व में जिला कलेक्टर द्वारा प्री बोर्ड के आयोजन के संबंध में दिए गए निर्देशों के अनुसार सीबीईओ अलसीसर टीम के द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयार करवाए गए क्वेश्चन बैंक की जिला कलेक्टर ने सराहना की एवं जिले के सभी स्कूलों में भेजने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के एग्जाम उत्सव-2024 पोस्टर का विमोचन किया। शिक्षा विभाग के द्वारा जिले के विद्यार्थियों के लिए प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी। अलसीसर ब्लॉक में प्रथम प्री बोर्ड परीक्षाएं 29 जनवरी से 3 फरवरी तक आयोजित होगी। वहीं दूसरी प्री बोर्ड परीक्षाएं 12 फरवरी से 17 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार सम्पूर्ण जिले के लिए प्री बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक द्वारा जल्द ही निर्देश जारी कर प्री बोर्ड आयोजित करवाए जाएंगे। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए विषयवार एक्सपर्ट्स के द्वारा क्वेश्चन पेपर तैयार किए गए हैं। बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए 7 फरवरी को विद्यालय के संस्था प्रधान एवं अनुभवी अध्यापकों के द्वारा मार्गदर्शन सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। जिसमें विद्यार्थियों को तनाव रहित व सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा तैयारी करने की जानकारी दी जाएगी। बैठक में शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक अनुसूईया, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुभाष ढाका, एडीईओ प्रमोद आबूसरिया, एग्जाम उत्सव 2024 ब्लॉक अलसीसर के संयोजक एसीबीईओ नवीन गढ़वाल मौजूद रहे।
ये फायदे होंगे प्री-बोर्ड परीक्षा के
विद्यार्थी बोर्ड की मुख्य परीक्षा में तनाव रहित होकर दे सकेंगे परीक्षा, प्री-बोर्ड परीक्षा में हो सकेगा आत्म-मूल्यांकन, अध्यापकों को भी कमजोर विद्यार्थीयों पर कहां फोकस करना है, यह मालूम चल सकेगा, विद्यार्थी सीख सकेंगे परीक्षा देने का समय प्रबंधन, विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, फाइनल एग्जाम में अधिकतम अंक प्राप्त करने में रहेगी आसानी।