Sunday, February 9, 2025
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झुंझुनूं में किडनी कांड; आवासीय कॉलोनी में चल रहा था अस्पताल, हाउसिंग बोर्ड से मांगा नक्शा

झुंझुनूं । झुंझुनूं के किडनी कांड के आरोपी चिकित्सक डॉ. संजय धनखड़ और उनके धनखड़ अस्पताल पर चौतरफा कार्रवाई शुरू हो गई है। जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल इस मामले में बड़ी सख्ती से एक्शन में है। कलेक्टर के निर्देश पर नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़ भी धनखड़ अस्पताल पहुंची। जिन्होंने भवन निर्माण, भवन उपयोग और फायर सेफ्टी के उपकरणों को लेकर जांच की। जिसमें सामने आया कि अस्पताल में फायर सेफ्टी के पर्याप्त उपकरण नहीं थे। वहीं निर्धारित मापदंडों की पालना नहीं की गई है। फायर सेफ्टी की एनओसी भी नहीं ले रखी थी। जिसके लिए विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यह भवन हाउसिंग बोर्ड द्वारा आवंटित किया गया है। हाउसिंग बोर्ड पूर्णतया आवासीय कॉलोनी है। आवासीय कॉलोनी में अस्पताल संचालन गलत है।

इसलिए हाउसिंग बोर्ड से इस भवन की निर्धारित ड्राईंग मांगी गई है। जिसके बाद यदि निर्धारित ड्राईंग में छेड़छाड़ पाई गई तो आवश्यक कार्रवाई नगर परिषद द्वारा की जाएगी। या फिर हाउसिंग बोर्ड को लिखा जाएगा। इधर, प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी धनखड़ अस्पताल पहुंची। जिसने बायो वेस्ट के निस्तारण संबंधी जांच की। आपको बता दें कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा इस भवन को आवासीय उद्देश्य से आवंटन किया गया था। जिसे डॉ. संजय धनखड़ ने एक पूरे अस्पताल का रूप दे दिया है। मौके पर ना केवल मरीजों को भर्ती करने के वार्ड है। बल्कि दवा की दुकान, लैब, ओपीडी काउंटर, आपरेशन थिएटर आदि भी मिले है।

डॉ. धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, मैंने कोई गलत नहीं की
जब प्रशासन अस्पताल को सीज करने की कार्रवाई कर रहा था तो डॉ. संजय धनखड़ भी सामने आए। दरअसल जब बात उनके अस्पताल और अस्पताल के रिकॉर्ड को सीज करने की आई तो वे बाहर आए और अधिकारियों से मिले। इस दौरान जब उन्हें मीडियाकर्मियों ने घेरा तो उनके चेहरे पर घटना को लेकर जरा सा भी अफसोस दिखाई नहीं दिया। वे मुस्कुराते रहे और हंसते हुए कहा कि वे नहीं मानते कि उन्होंने कुछ गलत किया है। वे रिकॉर्ड के अनुसार सही है। यही नहीं उन्होंने चिकित्सा विभाग की जांच पूरी होने से पहले ही कह दिया कि चिकित्सा विभाग की टीम उनके लिए नहीं आई है। बल्कि उन पर जो मीडिया ने गलत आरोप लगाए हैं, उसे सही करने के लिए आई है।

चिकित्सा विभाग की टीम को इसलिए आना पड़ा कि क्योंकि मीडिया वालों ने भीड़ लगा रखी है। उन्होंने कहा कि वे दुनिया के अकेले डॉक्टर नहीं है। जिन पर कोई परिवाद पहले से चल रहा हो। एक चीज गलत होते हुए मीडिया उनके पीछे पड़ गई है। उन्होंने कहा कि गलती सिर्फ इतनी हुई है कि उनके अस्पताल में आॅपरेशन हुआ है। बाकि कुछ गलत नहीं हुआ।

बेशर्मी : डॉ. धनखड़ बयान के वक्त खिलखिलाते हुए नजर आए

डॉ. संजय धनखड़

डॉ. धनखड़ बयान के वक्त खिलखिलाते हुए नजर आए। जो ऐसे माहौल में कतई सही नहीं कहा जा सकता। एक तरफ पीड़ित परिवार के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे। वहीं डॉक्टर अपनी गलती मानने की बजाय हंसते और मुस्कुराते हुए कह रहे है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। बहरहाल, ऐसे हालातों में डॉक्टर का इस तरीके से दिया गया बयान, मानवीय और नैतिक दृष्टिकोण में सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने अपने 2017 में सस्पैंड होने की बात को भी पुरानी करार देते हुए कहा कि यह बात पुरानी है। उन्हें याद नहीं।

इनका कहना है…
पांच चिकित्सकों की टीम बनाई गई है। जिसकी जांच रिपोर्ट आने के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि डॉ. संजय धनखड़ की लापरवाही सामने आती है। तो ना केवल एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। बल्कि आरएमसी को इनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए भी लिखा जाएगा। ताकि आगे डॉ. संजय धनखड़ प्रेक्टिस ना कर सके। फिलहाल जिला कलेक्टर के निर्देशों के बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया है। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। सरकारी योजनाओं की सूची से अस्पताल का नाम हटाने के लिए मुख्यालय को अनुशंषा की गई है।
— डॉ. राजकुमार डांगी, सीएमएचओ, झुंझुनूं

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