Monday, May 12, 2025
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झुंझुनूं जिले के चार होनहारों ने सिविल सर्विसेज एग्जाम में पाई सफलता, शहर के माधव को मिली 132वीं रैंक

झुंझुनूं । लंबे इंतजार के बाद यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2023 का परिणाम मंगलवार को जारी हो गया। इस परीक्षा में झुंझुनूं जिले के अभ्यर्थियों को भी सफलता प्राप्त हुई है। इनमें शामिल झुंझुनूं शहर के 27 वर्षीय माधव गुप्ता पुत्र राजेश गुप्ता का आईएएस बनना लगभग तय है। माधव को 132वीं रैंक मिली है। तीन बार असफल रहने के बाद माधव ने चौथे प्रयास में 132वीं की रैंक प्राप्त की है।

झुंझुनूं के माधव गुप्ता ने पाई 132वीं रैंक

झुंझुनूं शहर में कारूंडिया रोड पर रहने वाले माधव ने कहा कि अगर आपने लक्ष्य तय कर रखा है तो जितनी बार भी मौका मिले हर परिस्थिति में उसकी तैयारी करते रहना चाहिए। तीन में से दो बार उसे लिखित परीक्षा में सफलता नहीं मिली। दो बार इंटरव्यू तक पहुंचा। एक बार महज कुछ अंकों से रह गया, लेकिन चौथी बार इंटरव्यू में सफलता मिली और 132वीं रैंक हासिल की। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू देने के बाद लगा कि तैयारी कैसे की जाती है। तैयारी के दौरान परिजनों ने नौकरी का दबाव नहीं बनाया। इसलिए तय लक्ष्य काे प्राप्त करने में जुटा रहा। चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली। जानकारों की माने तो संघ लोक आयोग ने 1143 सफल अभ्यर्थियों में से 180 को आईएएस अफसर बनने का मौका मिलेेगा। इसलिए माधव का आईएएस बनना लगभग तय माना जा रहा है।

लादूसर निवासी सचिन राहड़ ने प्राप्त की 291वीं रैंक

जिले के लादूसर निवासी सचिन राहड़ ने यूपीएससी में 291वीं रैंक हासिल की है। सचिन ने यह उपलब्धि चौथे प्रयास में प्राप्त की है। सचिन ने सिविल सेवा में चयन पर खुशी जताते हुए कहा, मुझे सामान्य श्रेणी में 291वीं रैंक हासिल हुई है। सचिन ने कहा, प्रशासनिक सेवा में काम करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन स्तर ऊंचा करना मुख्य मकसद रहेगा। सचिन ने बताया कि पहले उन्होंने अपनी स्कूली शिंक्षा बिरला पब्लिक स्कूल पिलानी से की, फिर 12 वीं की परीक्षा के बाद सीकर की ही राजस्थान एनडीए अकेडमी से तैयारी कर एनडीए में भी चयन हुआ था पर जुनून आईएएस अधिकारी बनने का था इसलिए एनडीए जॉइन नहीं किया और कॉलेज के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की। सचिन ने इससे पहले बीएससी ऑनर्स की डिग्री दिल्ली की हिंदू कॉलेज से हासिल की। सचिन के पिता झुंझुनूं जिला परिषद में एक्सईएन है। जिनका नाम शुभकरण सिंह है। तथा मां मोहल्ला नायकान स्थित सरकारी स्कूल में थर्ड ग्रेड टीचर है। तीन बार प्रयास करके भी असफल रहा पर पहाड़ सा हौंसला रखा और हार नहीं मानी और आखिरकार चौथे प्रयास में देश में इतिहास रच दिया।

खेदड़ों की ढाणी के कर्मवीर ने पहले ही प्रयास में पाई 954वीं रैंक

खेदड़ों की ढाणी के सेवानिवृत्त नायब सूबेदार मनफूल सिंह व परमेश्वरी देवी के बेटे कर्मवीर नारवाड़िया ने पहले ही प्रयास में 954वीं रैंक हासिल की है। कर्मवीर ने अपनी स्कूल की पढ़ाई गुढ़ागौड़जी में की थी। उसके बाद एनआईटी कुरुक्षेत्र से इलेक्ट्रिकल से बीटेक किया। कर्मवीर ने असिस्टेंट कमांडेंट के लिए भी परीक्षा दी थी, लेकिन इंटरव्यू में रह गया। कर्मवीर चार बहनों के बीच इकलौता भाई हैं। सबसे बड़ी बहिन सरिता देवी गुढ़ागौड़जी सीएचसी में नर्सिंग ऑफिसर है। दूसरी बहन सुनीता ग्रेड फर्स्ट के लिए तैयारी कर रही है। तीसरे नंबर की बहिन अर्चना पंचायती राज विभाग में लिपिक है तथा कर्मवीर से छोटी बहिन करिश्मा शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रही है। उसके चयन होने पर मंगलवार को ग्रामीणों ने वाहन रैली निकालकर व मिठाई बांटकर खुशी जताई।

मंडावा के नांगली हाल किसान कॉलोनी के हिमांशु ने चौथी बार में प्राप्त की 779वीं रैंक

यूपीएससी की ओर से जारी परिणाम में मंडावा क्षेत्र के नांगली हाल किसान कॉलोनी निवासी हिमांशु पुत्र बीरबल सिंह रेवाड़ ने भी सफलता प्राप्त करते हुए चौथे प्रयास में 779वीं रैंक प्राप्त की है। हिमांशु का कहना है कि बार-बार असफलता हाथ लगी, तब थोड़ा हताश जरूर हुआ, लेकिन नाना ख्यालीराम ने राह दिखाई और हौसला बढ़ाया। हिमांशु ने बताया कि दिल्ली की कोचिंग में तैयारी करने केे बाद भी वे इंटरव्यू तक नहीं पहुंच सके, लेकिन चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की। इसके लिए उनके परिजनों का सहयोग मिलता रहा। हिमांशु के पिता बीरबल सिंह बागोरा के सरकारी स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं, तो माता सरोज देवी मिश्रा अंटा वाली ढाणी में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है। उनके ताऊ भंवरलाल भी पीटीआई हैं।

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